रेल किराया वृद्धि पर मायावती का तीखा हमला,
कहा- गरीबों पर बोझ, जीएसटी जैसी शोषण की परंपरा
2 months ago
Written By: NEWS DESK
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रेलवे बोर्ड द्वारा लंबी दूरी की ट्रेन यात्रा में किराया बढ़ाने के प्रस्ताव पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले को आम जनता के हितों के खिलाफ बताया और इसकी तुलना जीएसटी जैसी कर प्रणाली से कर डाली।
महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे लोग
मायावती ने अपने बयान में कहा है कि, "देश के अधिकांश लोग जब महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और घटती कमाई से पहले ही पीड़ित हैं, ऐसे में रेल किराया बढ़ाना आम जनहित के खिलाफ और एक व्यवसायिक सोच वाला फैसला है।" बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जब देश में आम आदमी का गुज़ारा मुश्किल हो गया है, और लोग पलायन की स्थिति में हैं, तब रेल यात्रा उनके लिए कोई शौक या ऐश नहीं, बल्कि "एक अतिकष्टदायी मजबूरी" बन चुकी है।
"GST जैसी बोझ बढ़ाने की परंपरा"
मायावती ने केंद्र सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि, "राष्ट्र प्रथम के नाम पर रेलवे के माध्यम से आम जन पर बोझ डालना, GST की तरह शोषण को बढ़ावा देने जैसी परंपरा बन गई है, जो अनुचित है। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।" उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह संविधान के कल्याणकारी उद्देश्य के तहत सोचते हुए इस प्रस्ताव को वापस ले, क्योंकि यह निर्णय सीधे तौर पर गरीबों और ज़रूरतमंदों को प्रभावित करेगा।