मथुरा-वृंदावन कॉरिडोर पर गरमाई सियासत,
कांग्रेस ने योगी सरकार पर लगाया सनातन पर चोट करने का आरोप
1 months ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन में प्रस्तावित धार्मिक कॉरिडोर परियोजना को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर राज्य की योगी सरकार और आरएसएस को सीधे तौर पर घेरते हुए आरोप लगाया है कि, यह परियोजना भगवान श्रीकृष्ण की नगरी की आत्मा और सनातन परंपरा को मिटाने की एक सुनियोजित साजिश है।
सनातन की आत्मा कुचलने का आरोप
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बुधवार को बयान जारी करते हुए कहा है कि, सरकार इस पवित्र नगरी को कॉरिडोर के नाम पर आरएसएस समर्थकों के हवाले करना चाहती है। स्थानीय सेवायतों, पुजारियों और श्रद्धालुओं को मंदिरों और उनके पारंपरिक कार्यों से बेदखल करने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा, “जो लोग खुद को सनातन धर्म का रक्षक बताते हैं, वही आज उसकी आत्मा को कुचलने में लगे हैं।”
विकास नहीं कब्ज़ा
अजय राय ने आरोप लगाया है कि, भाजपा सरकार धार्मिक आस्था को पर्यटक स्थल में बदलने की योजना के तहत काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जैसा अयोध्या और वाराणसी में हुआ, जहां गुजरात के ठेकेदारों और मजदूरों को स्थानीय लोगों के ऊपर प्राथमिकता दी गई, वैसा ही अब मथुरा-वृंदावन में भी दोहराया जा रहा है। “यह विकास नहीं, यह कब्जा है,” उन्होंने दो टूक कहा।
धर्म से काटने की साजिश
कांग्रेस नेता ने भावुक अपील करते हुए कहा है कि, मथुरा और वृंदावन सिर्फ ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था और आत्मा के केंद्र हैं। “बाबा विश्वनाथ को कॉरिडोर में बदल दिया गया, राम मंदिर में दो-दो बार प्राण प्रतिष्ठा की गई, अब बारी श्रीकृष्ण की नगरी की है, जिसे भी दृश्यात्मक पर्यटन केंद्र बनाकर धर्म से काटने की साजिश हो रही है।”
खत्म किया जा रहा सनातन
इस मौके पर वरिष्ठ सेवायत पंडित सोहनलाल मिश्रा भी मंच पर मौजूद थे, जो 500 वर्षों से ठाकुर सेवा कर रहे परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने नम आंखों से कहा, “हम काशी के लोग सनातन को जीते हैं, लेकिन आज वही सनातन खत्म किया जा रहा है। हम ठाकुर जी की सेवा करते हैं, और सरकार हमें ही मंदिरों से दूर करना चाहती है। यह धार्मिक विकास नहीं, धार्मिक अधिकारों का हनन है।”
कांग्रेस धर्म के खिलाफ नहीं
अजय राय ने सरकार से यह स्पष्ट सवाल पूछा है कि, “जब 500 वर्षों से ठाकुर जी की सेवा कर रहे सेवायत रोते हुए अपील कर रहे हैं, तब सरकार क्यों चुप है? क्यों उन्हें बेदखल किया जा रहा है?” उन्होंने कहा कि कांग्रेस धर्म के खिलाफ नहीं है, लेकिन धर्म की आड़ में हो रही राजनीति और व्यावसायिक दोहन का खुलकर विरोध करती है।
अपने भाषण के अंत में अजय राय ने जनता से अपील की कि,“अपने आस्था केंद्रों की रक्षा कीजिए। ये मंदिर केवल तस्वीरों और गलियारों के लिए नहीं हैं, ये हमारी आत्मिक पहचान हैं। इन्हें केवल राजनीतिक मंच मत बनने दीजिए।” मथुरा-वृंदावन में प्रस्तावित इस कॉरिडोर को लेकर अब स्थानीय जनता और सेवायतों के साथ-साथ राजनीतिक दलों में भी विरोध मुखर होता दिख रहा है। देखना यह होगा कि योगी सरकार इस नाराजगी का कैसे जवाब देती है। विकास के तर्क से या श्रद्धा के सम्मान से।