P मतलब परिवार, D से डिंपल, A से अखिलेश,
सपा से निष्कासित मनीष यादव ने PDA को बताया समाज तोड़ने की साजिश
12 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
SP Leader Manish Yadav: इटावा में सियासी माहौल उस समय गरम हो गया जब समाजवादी पार्टी से अनुशासनहीनता के आरोपों में निष्कासित किए गए मनीष यादव ने पार्टी और उसके प्रमुख अखिलेश यादव पर सीधा हमला बोला। मनीष यादव, जो कभी सपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य थे, अब पार्टी की नीतियों और नेतृत्व के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं। रविवार को निष्कासन के बाद मनीष यादव ने पत्रकारों से बातचीत में पार्टी से अपना नाता पूरी तरह तोड़ने का ऐलान किया और अखिलेश यादव के पीडीए फार्मूले को समाज को बांटने वाला बताया।
पीडीए का मतलब बताया परिवार
इटावा में प्रेस से बात करते हुए मनीष यादव ने कहा कि उन्होंने अपने घर और गाड़ी से समाजवादी पार्टी का झंडा उतार फेंका है। उन्होंने कहा कि पीडीए कोई सामाजिक फार्मूला नहीं है, बल्कि यह सिर्फ परिवारवाद की राजनीति है। इसमें पी का मतलब है परिवार, डी से डिंपल और ए से अखिलेश। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव केवल अपने परिवार की राजनीति चला रहे हैं और समाज में बिखराव फैला रहे हैं।
कथावाचकों के अपमान का भी उठाया मुद्दा
मनीष यादव ने एक और विवादित मामला उठाते हुए कहा कि इटावा के कथावाचकों के अपमान पर जब वे लखनऊ गए थे, तो अखिलेश यादव ने पार्टी दफ्तर में बुलाकर कोई समर्थन नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे समय में जब वे परेशान थे, अखिलेश यादव ने गाना सुनाने की कोशिश की, जो बिलकुल भी ठीक नहीं था।
काफी समय से पार्टी लाइन से अलग चल रहे थे मनीष यादव
सपा इटावा इकाई के अध्यक्ष प्रदीप शाक्य ने बताया कि मनीष यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित किया गया है। उन्हें कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन वे लगातार पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करते रहे। उन्हें 2022 में आगरा का प्रभारी भी बनाया गया था, लेकिन उनका व्यवहार पार्टी के अनुकूल नहीं रहा।
शिवपाल यादव के खिलाफ लड़ चुके हैं चुनाव
मनीष यादव ने 2012 में बसपा और 2017 में भाजपा से जसवंतनगर सीट से शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था। 2022 में वे स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा में शामिल हुए थे। बता दें कि 2023 में प्रधानमंत्री मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था।
19 गंभीर मुकदमे दर्ज
मनीष यादव के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, रंगदारी जैसे 19 संगीन मामले दर्ज हैं। वे इटावा जिले के चौबिया थाने के गैंगस्टर भी घोषित हैं। 2017 में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर उन्हें 75,000 वोट मिले थे। 2022 में वे अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ सपा में शामिल हुए थे, लेकिन अब फिर से बागी रुख अपना लिया है।