केशव मौर्य बोले- आपातकाल कांग्रेस का सत्ता मोह था, सपा अब समाजवादी नहीं,
अखिलेश बैठे हैं कांग्रेस की गोद में
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Keshav Maurya: कानपुर के सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के मुख्य सभागार में देश में 1975 में कांग्रेस शासन के दौरान लगाए गए आपातकाल को लेकर मॉक पार्लियामेंट का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे और उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए आपातकाल के समय कांग्रेस द्वारा किए गए फैसलों की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल युवाओं को संसदीय प्रक्रिया की समझ देगा, बल्कि उन्हें देश के इतिहास के उस काले अध्याय से भी परिचित कराएगा जब लोकतंत्र को कुचला गया था।
अब सपा असली समाजवादी पार्टी नहीं रही- डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने अपने भाषण में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा अब असली समाजवादी पार्टी नहीं रही, इसके मुखिया अखिलेश यादव कांग्रेस की गोद में बैठे हैं। उन्होंने कहा कि 1975 में जब अदालत ने इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध ठहराया और छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाई, तो कांग्रेस ने पूरे देश पर आपातकाल थोप दिया। उस दौरान नागरिक अधिकारों को छीन लिया गया, विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया और लोकतंत्र की आत्मा को रौंद दिया गया।
आपातकाल सत्ता के मोह की उपज थी
केशव मौर्य ने कहा कि आपातकाल एक परिवार के सत्ता के मोह का परिणाम था। यदि उस समय गांधी परिवार देश की राजनीति पर वर्चस्व स्थापित करने में सफल न हुआ होता, तो आज भारत दुनिया का सबसे अग्रणी देश होता। उन्होंने कहा कि संविधान में सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार मिला है, और आज जब हर पांच साल में चुनाव होते हैं, जनता सरकार बनाती है, तब यह हमारे लोकतंत्र की ताकत को दर्शाता है। लेकिन कांग्रेस ने सत्ता बचाने के लिए इस व्यवस्था को भी तहस-नहस कर दिया था।
मॉक पार्लियामेंट में युवाओं ने निभाई पक्ष-विपक्ष की भूमिका
इस मॉक पार्लियामेंट में कानपुर और आसपास के जिलों से चुने गए युवा छात्र पक्ष और विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। कार्यक्रम का समापन प्रदेश सरकार में मंत्री असीम अरुण द्वारा किया जाएगा, और वे प्रतिभागियों को पुरस्कृत करेंगे। क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा कि 25 जून 1975 की रात को इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र की सभी संस्थाओं पर ताले जड़ दिए थे और देश को आपातकाल के अंधकार में धकेल दिया था।