शाह, मौर्य को मित्र तो अमित शाह को गुरु मानते हैं केशव प्रसाद मौर्य,
बोले – राजनीति के हर कदम पर उनसे मिला मार्गदर्शन
1 months ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों एक सियासी रिश्ते की चर्चा ज़ोरों पर है। हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को "मित्र" कहकर संबोधित किया। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गईं कि आखिर शाह और मौर्य के बीच रिश्ते की बुनियाद क्या है, मित्रता, सियासी समीकरण या फिर गुरु-शिष्य का संबंध?
मौर्य ने तोड़ी चुप्पी
जिसके बाद अब खुद केशव प्रसाद मौर्य ने इस पूरे मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए स्पष्ट किया है कि, अमित शाह उनके लिए किसी मित्र से कहीं अधिक हैं। मौर्य ने कहा, “यह शाह जी का बड़प्पन है कि उन्होंने मुझे मित्र कहा, लेकिन मैं उन्हें अपना गुरु मानता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने राजनीति की बारीकियां, रणनीति और संगठन की समझ अमित शाह से ही सीखी है।
याद किया राजनितिक सफर
मौर्य ने याद करते हुए कहा कि, जब अमित शाह उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे, तब उन्हीं के मार्गदर्शन में उन्होंने 2014 में फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत दर्ज की। जिसके बाद जब शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, तो उन्होंने मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी। इस अवसर को मौर्य ने अपने राजनीतिक जीवन का सबसे बड़ा मोड़ बताया और कहा, “शाह जी ने मुझे राजनीति के गुण सिखाए और हमेशा स्नेह दिया।”
हमने जिनसे सीखा वो गुरु
एक निजी चैनल को दिए एक साक्षात्कार में मौर्य ने अमित शाह को "वर्तमान राजनीति का चाणक्य" बताया। उन्होंने कहा कि संघ और विहिप में संगठन मंत्री के रूप में उन्हें ज़रूर संघर्ष और सेवा का अनुभव था, लेकिन राजनीति को दिशा देना, चुनावी रणनीति गढ़ना और पार्टी को जनता से जोड़ना जैसी चीज़ें उन्हें शाह से ही सीखने को मिलीं। जब मौर्य से यह पूछा गया कि वह शाह को मित्र मानते हैं या गुरु, तो उन्होंने साफ जवाब दिया—“हमने जिनसे कुछ भी सीखा हो, वो हमारे लिए गुरु होते हैं। शाह जी मेरे राजनीतिक जीवन के मार्गदर्शक हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि शाह का उन्हें मित्र कहना उनकी उदारता और आत्मीयता को दिखाता है, लेकिन उनके लिए वह हमेशा "गुरु और पथ-प्रदर्शक" ही रहेंगे।