कांवड़ यात्रा पर सड़कें बंद, नमाज़ पर पाबंदी क्यों?
मऊ में चंद्रशेखर आज़ाद का सरकार पर तीखा हमला
12 days ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई जब आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने मऊ जिले में आयोजित प्रदेश स्तरीय प्रबुद्ध जन सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। पूर्वांचल की राजनीतिक ज़मीन पर अपने तेवरों से लगातार पकड़ मजबूत कर रहे चंद्रशेखर ने इस सम्मेलन को सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का मंच बना दिया। सहारनपुर से शुरू हुए इस सम्मेलन की कड़ी मऊ में दिखाई दी, जहां बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और आम जनता इकट्ठा हुई।
सामाजिक न्याय के बिना समग्र विकास अधूरा
चंद्रशेखर आज़ाद ने इस दौरान सामाजिक न्याय, धार्मिक स्वतंत्रता और शिक्षा नीति जैसे मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने साफ कहा कि आज देश में केवल बहुसंख्यक समाज के तुष्टिकरण की राजनीति हो रही है और बाकी समुदायों को जानबूझकर हाशिए पर ढकेला जा रहा है। निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण और प्रमोशन की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए उन्होंने घोषणा की कि वे इस विषय पर संसद में प्राइवेट मेंबर बिल लाने जा रहे हैं। उनके अनुसार, सामाजिक न्याय के बिना देश का समग्र विकास अधूरा है।
कांवड़ यात्रा के लिये हाईवे बंद
धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर भी उन्होंने बेहद तल्ख टिप्पणी की। चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार कांवड़ यात्रा के नाम पर एक महीने तक सड़कें बंद कर सकती है, लेकिन अगर कोई मुसलमान सड़क पर 15 मिनट के लिए नमाज़ पढ़ ले, तो उस पर मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर यह दोहरा मापदंड क्यों? क्या संविधान ने सभी धर्मों को बराबर का अधिकार नहीं दिया है? उन्होंने इसे सीधे तौर पर धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया और सरकार पर अल्पसंख्यकों, सिखों, जैनियों, बौद्धों और ईसाईयों की आस्था को कुचलने का आरोप लगाया।
गरीबों के हक़ में नहीं सरकार की प्राथमिकता
शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सरकारी निर्णयों की भी उन्होंने तीखी आलोचना की। चंद्रशेखर ने कहा कि जब सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है और शराब की दुकानें खोली जा रही हैं, तो यह साफ संकेत है कि सरकार की प्राथमिकताएं आम जनता या गरीबों के हक में नहीं हैं, बल्कि पूंजीवाद और व्यवसायिक लाभ के इर्द-गिर्द घूम रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला समाज के उन तबकों के खिलाफ है, जो पहले ही आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हैं। सरकार को तुरंत इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।
अब्बास के मामले में न्यायपालिका पर भरोसा
वहीं पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को सज़ा दिए जाने के सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा कि उन्हें भारतीय न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, लेकिन यह भी सच है कि सत्ता में बैठी सरकारें न्यायिक प्रक्रिया का राजनीतिक फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार विरोधियों को डराने और दबाने की नीति पर काम कर रही है, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं।