कांवड़ यात्रा पर सियासी संग्राम तेज,
कॉरिडोर के मुद्दे पर असीम अरुण ने अखिलेश को घेरा
16 days ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश में सावन माह के दौरान चल रही कांवड़ यात्रा अब धार्मिक आयोजन से ज्यादा सियासी मुद्दा बनती जा रही है। समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच इस विषय को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा कांवड़ यात्रियों के लिए अलग कॉरिडोर बनाए जाने की मांग पर योगी सरकार के मंत्री असीम अरुण ने करारा पलटवार किया है।
अखिलेश यादव की मांग: कांवड़ियों के लिए कॉरिडोर
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में एक बयान में कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों को सुरक्षा और सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार वाकई गंभीर है, तो अब तक कांवड़ यात्रियों के लिए एक समर्पित कॉरिडोर क्यों नहीं बना? साथ ही उन्होंने यह वादा भी किया कि अगर सपा की सरकार बनी तो कांवड़ियों के लिए विशेष कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा, जिसमें हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
"कांवड़ यात्रा का मजाक न उड़ाएं"
योगी सरकार में समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा, "अखिलेश यादव को कांवड़ यात्रा का मजाक नहीं बनाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि, भाजपा सरकार हर तीर्थ यात्रा, विशेषकर कांवड़ यात्रा के दौरान, सुरक्षा, मेडिकल और सड़क जैसी जरूरी व्यवस्थाएं करती रही है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार लगातार काम कर रही है।
सांसद निधि का मुद्दा उठाया
मंत्री असीम अरुण ने अखिलेश यादव की सांसद निधि को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा है कि, "अखिलेश यादव कन्नौज से सांसद हैं, लेकिन उन्होंने अपनी सांसद निधि से सिर्फ 4 कार्य स्वीकृत किए हैं, जिनमें से 3 कब्रिस्तान से संबंधित हैं।" उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अखिलेश ने किसी स्कूल, अस्पताल या पार्क के लिए कोई योजना बनाई होती, तो यह जनहित में बेहतर होता।
ईवीएम पर भी तंज
असीम अरुण ने बिहार में मतदाता सूची के पुनर्निरीक्षण को लेकर चल रहे विवाद पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि, "जब विपक्ष जीतता है, तब ईवीएम सही होती है, लेकिन हार मिलते ही उसे दोषी ठहराया जाता है।" उन्होंने चुनावी पारदर्शिता पर सवाल उठाने वालों को दोहरे मापदंड अपनाने वाला बताया।