कानपुर CMO विवाद पर गरमाई सियासत,
अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा
17 days ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश के कानपुर में बुधवार को उस समय अजीबो-गरीब स्थिति बन गई जब डॉ. हरीदत्त नेमी दोबारा मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) के तौर पर अपने दफ्तर पहुंच गए, जबकि वहां पहले से ही नव नियुक्त CMO डॉ. उदयनाथ मौजूद थे। दो-दो सीएमओ के एक साथ मौजूद होने से चिकित्सा विभाग में भ्रम की स्थिति बन गई और यह मामला धीरे-धीरे राजनीतिक रंग लेने लगा। इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “इस सरकार में हर ओर झगड़े हैं। कोई विभाग ऐसा नहीं है जहां भ्रम या अव्यवस्था न हो।”
“सम्मान छीनने वाली सरकार है ये” – अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में प्रेरणादायक लोगों को 'यश भारती' और 'अर्जुन पुरस्कार' से नवाज़ा जाता था, साथ में उन्हें सम्मान राशि भी दी जाती थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने न केवल पुरस्कारों का मान घटाया बल्कि सम्मान राशि भी समाप्त कर दी। अखिलेश ने स्पष्ट किया कि सपा की सरकार आने पर सम्मान के साथ-साथ आर्थिक सहयोग भी दिया जाएगा।
पौधरोपण अभियान को बताया ‘इवेंट’
राज्य सरकार के 200 करोड़ पौधे लगाने के लक्ष्य पर व्यंग्य करते हुए अखिलेश यादव बोले, “हम हर बार यही पूछते हैं कि इतने पेड़ लगाओगे तो जमीन कहां से लाओगे?” उन्होंने इस अभियान को मात्र एक "इवेंट" बताया और कहा कि सरकार सिर्फ दिखावे का काम कर रही है, जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा। उन्होंने फतेहपुर में महिलाओं द्वारा बनाए गए बांस के पुल को तोड़े जाने और अयोध्या के एक विद्यालय में ताला लगे होने पर भी सरकार की आलोचना की।
मुंबई भाषा विवाद पर दिया सुझाव
मुंबई में चल रहे भाषा विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ऐसा एक सेंटर अयोध्या में बनाया जाना चाहिए, जहां मराठी भाषा भी सीखी जा सके। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने की दिशा में ऐसे केंद्रों की ज़रूरत है।
चुनाव आयोग पर भी उठाए सवाल
बिहार में वोटर वेरिफिकेशन को लेकर पूछे गए सवाल पर अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि “हमने 18 हजार वोटरों की लिस्ट दी जिनका नाम 2022 में काटा गया, लेकिन आयोग 45 दिन बाद डेटा रखने से मना कर देता है क्योंकि बाद में चोरी पकड़ी जा सकती है।”
हेल्थ अवेयरनेस और बिहार के टार्जन का सम्मान
इस दौरान अखिलेश यादव स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता संदेश देते भी नजर आए। उन्होंने बिहार के चर्चित 'टार्जन' को सम्मानित किया और स्वास्थ्य से जुड़ी बातें साझा कीं। अखिलेश यादव के इन बयानों से स्पष्ट है कि समाजवादी पार्टी अब प्रदेश सरकार के हर पहलू पर आक्रामक रुख अपनाने के मूड में है — चाहे वो स्वास्थ्य विभाग की अफसरशाही हो, पर्यावरण की योजनाएं हों या चुनावी पारदर्शिता।