जन सुराज पार्टी की चुनावी हार पर खुलकर बोले उदय सिंह, मैसेज लोगों तक नहीं पहुंचा…
NDA ने खरीदे वोट, PK की पार्टी ने स्वीकार की बड़ी कमी
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी। लगातार चर्चा में रहने और कई महीनों के जन संवाद अभियान के बावजूद पार्टी अपना खाता खोलने में नाकाम रही। अब पहली बार पार्टी ने आधिकारिक तौर पर अपनी हार को स्वीकार करते हुए कहा है कि उनका संदेश लोगों तक प्रभावी तरीके से पहुंच नहीं पाया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव नतीजों का विश्लेषण किया और दावा किया कि मतदाताओं ने अंत में NDA को इसलिए वोट दिया क्योंकि उन्हें लगा कि जन सुराज को वोट देने से RJD को फायदा हो सकता है। साथ ही NDA पर वोट खरीदने के गंभीर आरोप भी लगाए गए।
पार्टी अध्यक्ष उदय सिंह बोले—हमसे संवाद में चूक हुई 15 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उदय सिंह ने कहा कि काफी मेहनत के बाद भी पार्टी का राजनीतिक संदेश जनता के बीच प्रभावी असर नहीं डाल सका। उन्होंने कहा, हम नतीजों से निराश हैं, लेकिन हताश नहीं। हमारा मैसेज वोटर्स तक उस तरह नहीं पहुंचा जैसा हम चाहते थे। हम बिहार में नई राजनीति की बात कर रहे थे, लेकिन लोग हमारा विज़न समझ नहीं पाए। हमारी बातचीत भी प्रभावशाली नहीं रही। उन्होंने आगे कहा कि वे चुनाव से पहले जिन मुद्दों शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य को बार-बार उठाते रहे थे, उन पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने भी ध्यान देना शुरू किया है।
विधानसभा में नहीं, फिर भी निभाएंगे विपक्ष की भूमिका उदय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में राजनीतिक सुधार के मिशन से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा, हम सरकार की कमियों को उजागर करते रहेंगे। भले ही हम अभी विधानसभा में न हों, लेकिन जनता की नजर में एक मजबूत विपक्ष बने रहेंगे।
मतदाताओं ने NDA को क्यों दिया वोट? उदय सिंह ने बताई वजह नतीजों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव के आखिरी चरण में मतदाताओं को यह डर था कि जन सुराज को वोट देने से अनजाने में RJD की वापसी हो सकती है। लोगों ने सोचा कि जन सुराज को वोट देकर वे RJD को सत्ता में ला सकते हैं, इसलिए उन्होंने NDA को वोट दिया।
NDA पर 40,000 करोड़ खर्च कर वोट खरीदने का आरोप उदय सिंह ने दावा किया कि NDA को मिला बहुमत खरीदा हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया, बिहार में पहली बार किसी सरकार ने वोट खरीदने के लिए जनता का 40,000 करोड़ रुपये खर्च किया है। हालांकि इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन वक्तव्य ने राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है।