इटावा कथा विवाद पर गरमाई सियासत,
देवकीनंदन ठाकुर बोले – “सनातन को जोड़ने का काम कर रहे हैं, चोटी काटना गलत”
1 months ago
Written By: NEWS DESK
इटावा में कथावाचकों के साथ कथित अभद्रता के मामले ने अब न केवल धार्मिक बल्कि राजनीतिक रंग भी ले लिया है। जहां एक ओर समाजवादी पार्टी ने खुलकर कथावाचकों के पक्ष में खड़ा होकर उन्हें पार्टी कार्यालय में सम्मानित किया, वहीं दूसरी ओर प्रसिद्ध कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए घटना की निंदा की और राजनीतिक दलों को भी लपेटे में लिया।
चोटी काटना गलत
देवकीनंदन महाराज ने कहा, “हम तो सनातन धर्म को जोड़ने का काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी सनातनी की चोटी काटना न केवल गलत है, बल्कि अपमानजनक भी है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी घटनाएं हो रही हैं और उन पर राजनीति भी की जा रही है।”
जब मथुरा में बच्चियों से दुर्व्यवहार हुआ, तब कहां थे ?
देवकीनंदन ठाकुर ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा है कि, जो नेता आज जातीय आधार पर बयानबाज़ी कर रहे हैं, वह मथुरा में हुए दुर्व्यवहार के समय चुप क्यों थे, जब एक टेंपो चालक ने कई लड़कियों से अभद्रता की थी ? उन्होंने कहा कि “क्या पुरुष का सम्मान स्त्री के सम्मान से अधिक है ? उस समय तो कोई जाति की बात नहीं कर रहा था। अगर सच्ची सेवा करनी है तो सबके लिए खड़े होना होगा, सिर्फ राजनीति नहीं।”
“हमारे यहां मुसलमानों ने भी की है कथा”
देवकीनंदन ठाकुर ने अपने वक्तव्य में धार्मिक सहिष्णुता का उदाहरण देते हुए कहा कि, “हम तो सनातन धर्म के प्रचार के लिए सभी को जोड़ना चाहते हैं। हमारे यहां मुस्लिम भाइयों ने भी कथा की है और हमने उन्हें भी स्वीकार किया है।” उन्होंने कहा कि तिलक, चोटी, कलावा, कंठी ये हमारी परंपरा का हिस्सा हैं, इन्हें तोड़ना हमारी संस्कृति पर हमला है।
“धर्म के नाम पर राजनीति बंद हो”
देवकीनंदन महाराज ने आगे कहा कि, इस देश में मूत्र जिहाद, थूक जिहाद जैसे कृत्य करने वाले लोग समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जब ऐसे मुद्दे सामने आते हैं तो सियासी दल चुप हो जाते हैं। उन्होंने अपील की कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए राजनीति से ऊपर उठकर सभी लोगों को साथ आना चाहिए।
सपा ने किया था कथावाचकों का सम्मान
इस पूरे मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दोनों कथावाचकों को पार्टी दफ्तर में आमंत्रित किया और उनका सार्वजनिक रूप से सम्मान किया। कथावाचन भी कराया गया। इससे पहले कथावाचकों के साथ कथित तौर पर चोटी काटे जाने और अपमान की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद पूरे प्रदेश में बवाल मच गया।