छांगुर पर कथावाचक आचार्य देवव्रत का फूटा आक्रोश,
बोले – "सनातन धर्म को बदनाम करने वालों को सज़ा मिलनी चाहिए"
14 days ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कथित लव जिहाद और अवैध धर्मांतरण के मामले में चर्चित हुआ जलालुद्दीन उर्फ छांगुर अब साधु-संतों के निशाने पर आ गया है। इस पूरे प्रकरण पर युवा कथावाचक आचार्य प्रवर देवव्रत जी महाराज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और सनातन धर्म पर हमले को गंभीर साजिश करार दिया है।
होनी चाहिये कड़ी कार्रवाई
आचार्य देवव्रत ने कहा है कि, “सनातन धर्म को बदनाम करने और उसके अस्तित्व पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि कोई भी विधर्मी भविष्य में ऐसी हिमाकत करने से डरे।”उन्होंने यह भी कहा कि, यदि शासन-प्रशासन ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई करने में असफल रहता है, तो संत समाज को कानूनन अधिकार देकर ऐसे तत्वों को सबक सिखाने की छूट दी जानी चाहिए।
गलत नाम रखकर धर्म बदनाम करने की साजिश
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर को लेकर आचार्य देवव्रत ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “एक मुस्लिम व्यक्ति ने छांगुर बाबा जैसा सनातनी नाम रखकर सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश रची। यह केवल धार्मिक धोखा नहीं, बल्कि गहरी साजिश है।” आचार्य ने योगी सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा है कि, सरकार को इस मामले में और भी कठोर रुख अपनाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
सार्वजनिक रूप से मिलनी चाहिये सजा
उनका बयान उस समय और अधिक चर्चा में आ गया जब उन्होंने कहा कि, "जो लोग भारत में रहकर भारत का नमक खाकर देश और धर्म से गद्दारी करते हैं, उन्हें सार्वजनिक रूप से सज़ा दी जानी चाहिए। ऐसे लोगों की जीभ, हाथ और गर्दन चौराहों पर काटकर यह दिखाना चाहिए कि सनातन धर्म से धोखा करने की कीमत क्या होती है।" इस बयान के बाद साधु-संत समाज में रोष और जागरूकता दोनों देखने को मिल रही हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाता है और संत समाज की भावनाओं का किस प्रकार से उत्तर दिया जाता है।