क्यों भाजपा के इस विधायक को CM ने खुले मंच से दी हिदायत, क्या है पर्दे के पीछे के राज,
बहराइच में बोले योगी- आप कम ही बोलें तो….
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बहराइच पहुंचकर एक नई परंपरा का सूत्रपात किया। उन्होंने सैकड़ों वर्षों से बहराइच में लग रहे दरगाह मेले को बंद करने का एलान करते हुए 10 जून को महराजा सुहेलदेव का विजयोत्सव मनाने की घोषणा की। अपने भाषण के दौरान उन्होंने उन सभी नेताओं और समाजसेवियों को धन्यवाद दिया, जो वर्षों से दरगाह मेले को बंद कराने और महाराजा सुहेलदेव विजयोत्सव शुरू कराने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इसी में एक नाम महसी से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह का भी लिया, लेकिन चेतावनी के साथ। उन्होंने मंच से ही कहा कि सुरेश्वर सिंह कम बोले तो अच्छा होगा। मंच से मुख्यमंत्री द्वारा इतनी बात बोलते ही पांडाल में सन्नाटा छा गया और लोग एक दूसरे को देखने लगे। चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया। आखिर मुख्यमंत्री को मंच से सुरेश्वर सिंह को कम बोलने की हिदायत क्यों दी गई, इसका क्या मायने हैं, आइए इसकी पड़ताल करते हैं।
बयान और कारनामे बने फांस ?
दरअसल सुरेश्वर सिंह महसी क्षेत्र से लगातार विधायक बन रहे हैं। ब्राम्हण बाहुल्य क्षेत्र महसी बीजेपी का परंपरागत क्षेत्र इसलिए सुरेश्वर सिंह लगातार से वहां से चुनाव जीत भी जाते हैं। लेकिन अपने कारनामों से वह मीडिया का केंद्र भी बनते हैं और ब्यूरोक्रेसी तथा पुलिस विभाग को प्रभावित भी करते रहते हैं। कभी-कभी उनके कारनामों से सरकारी मशीनरी असहज हो जाती है। ताजा मामला 500 किलोग्राम विस्फोटक से जुड़ा है, जो सरकारी प्रयोजन हेतु सिकंदरपुर पहुंचा हुआ था। इसे सुरेश्वर सिंह ने आतंकवादी गतिविधि से जोड़ते हुए खूब हो हल्ला मचा दिया। हालात यह हुआ शासन तक मामला पहुंच गया। बाद में पता चला कि यह विस्फोटक ओएनजीसी की ओर से अपनी परियोजना को विस्तारित करने के लिए भेजा गया था। सुरेश्वर सिंह ने इसी आधार पर न सिर्फ पुलिस विभाग को आंड़े हाथों लेना शुरू कर दिया बल्कि मुख्यमंत्री को कार्यक्रम स्थगित करने का आग्रह भी कर दिया। उनके इस कारनामे के कारण पुलिस विभाग को खासी परेशानियां झेलनी पड़ी। यह सुरेश्वर सिंह का इकलौता कारनामा नहीं है बल्कि उनके कारनामे हर छह महीने में उजागर होते रहते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से….
➤महसी कांड के बाद भाजपा नेताओं पर FIR: महसी कांड के दौरान सुरेश्वर सिंह के सक्रिय होने की सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची थी। मोहर्रम के दौरान एक हफ्ते तक महसी क्षेत्र जलता रहा और सुरेश्वर सिंह लगातार चर्चाओं में बने रहे। वहां सांप्रदायिक तनाव के दौरान विधायक सुरेश्वर सिंह ने कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं को दंगाई बताते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई थी, जिस पर समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर निशाना साधा था। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई थी और लंबे समय तक महसी क्षेत्र जलता रहा। इस घटना से सरकार की काफी किरकिरी भी हुई थी।
➤ भेड़िया मारने रायफल लेकर निकले थे सुरेश्वर सिंह: बहराइच में भेड़िया कांड तो सबने सुना होगा। भेड़िया कांड की चर्चा राष्ट्रीय स्तर तक थी। उन दिनों सुरेश्वर सिंह स्वयं अपनी टीम के साथ रायफल लेकर निकलते थे और खूब वीडियो वायरल होता था। भेड़िया कांड के दौरान सुरेश्वर सिंह सरकारी मशीनरी को लगातार टारगेट पर लिए रहते थे। इसके कारण कई बार सरकारी मशीनरी को बैकफुट पर रहना पड़ता था। भेड़ियों से मुक्ति पाने के लिए सरकार द्वारा बड़ा अभियान चलाया गया, लेकिन चर्चाओं में सुरेश्वर सिंह ही रहे। इस घटना में भी सरकार की काफी किरकरी हुई थी।
➤ गब्बर सिंह ने CM को पहनाई थी माला: वहीं मुख्यमंत्री के ही एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर बहराइच के माफिया देवेंद्र सिंह गब्बर द्वारा मुख्यमंत्री को माला पहनाया गया। गब्बर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री को माला पहनाते ही देश और अंतर्राष्ट्रीय मीडियों में यह मुद्दा छा गया। मुख्यमंत्री के साथ-साथ पूरे सरकार की खूब किरकिरी हुई। कारणों की पड़ताल की गई तो पता चला कि गब्बर सिंह का मंच पर पहुंचने का मूल कारण सुरेश्वर सिंह थे। इस घटना से मुख्यमंत्री की छवि को काफी धक्का लगा था। बाद में मुख्यमंत्री की त्योरियां एसी चढ़ी की गब्बर सिंह की समस्त संपत्तियां जब्त कर ली गई। गैंगेस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज हुआ। गब्बर चार वर्षों से जेल में निरुद्ध है।
➤ बलिया कांड के आरोपी का खुलकर समर्थन: इसके अलावा, सुरेश्वर सिंह के 2020 में बलिया के गोलीकांड के मुख्य आरोपी के समर्थन में खुलकर सामने आने पर उनकी आलोचना हुई थी। इस घटना में भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने उनके विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए थे।