प्रयागराज हिंसा पर भड़के चंद्रशेखर आज़ाद,
बोले- कोई भी पहन सकता है नीला साफा, मीडिया कर रहा है ब्राह्मणवादी ट्रायल
1 months ago
Written By: NEWS DESK
प्रयागराज के करछना इलाके में रविवार को हुई हिंसा के बाद राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी (आसपा) के कार्यकर्ताओं पर लगे आरोपों के बीच नगीना से सांसद और आसपा प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने इस मसले पर मीडिया को आड़े हाथों लेते हुए तेज प्रतिक्रिया दी है। जब मीडिया ने चंद्रशेखर से पूछा कि, करछना में हंगामा करने वाले उनके ही कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं, तो वो भड़क गए और सवालों पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए बोले कि, "कोई भी नीला साफा पहन सकता है। आपने कैसे मान लिया कि वो मेरे ही लोग थे? मीडिया तो पहले ही ट्रायल करके कमजोर वर्ग के लोगों को दोषी ठहराने में लग जाती है।"
मीडिया पर लगाया ब्राह्मणवादी सोच का आरोप
चंद्रशेखर ने इस दौरान मीडिया की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, "ये मीडिया का ब्राह्मणवादी चरित्र है, जो बिना किसी जांच के पहले ही फैसला सुना देता है। क्या पुलिस ने कोई रिपोर्ट दी? क्या आपने मुझे या पुलिस को मौके पर देखा?"
उन्होंने यह भी पूछा कि, "अगर कोई नीला झंडा या साफा लेकर आए तो वो भीम आर्मी का ही होगा? तो क्या गेरुआ या भगवा पहनने वाला हर व्यक्ति बीजेपी का ही होता है?" उन्होंने साफ किया कि, वे कानून के दायरे में रहते हुए जांच चाहते हैं, लेकिन निर्दोष कार्यकर्ताओं को फंसाए जाने का विरोध करते हैं।
"मैं मौके पर नहीं था, लेकिन आपने फैसला सुना दिया"
चंद्रशेखर ने दोहराया कि, वे उस वक्त घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे और पुलिस को पूरी जांच करनी चाहिए। लेकिन मीडिया पहले से ही ‘दोषी’ तय कर रही है, जो न्याय नहीं है। मैंने खुद पुलिस अधिकारियों से कहा है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, लेकिन आम और निर्दोष कार्यकर्ताओं को बेवजह परेशान न किया जाए। हम प्रशासन के साथ हैं।
करछना हिंसा में नामजद 50, 500 से अधिक अज्ञात, कई गिरफ्तार
गौरतलब है कि, रविवार को चंद्रशेखर आज़ाद कौशांबी में रेप पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें प्रयागराज के सर्किट हाउस में रोक दिया। इसके बाद करछना में उनके समर्थकों ने चक्का जाम और प्रदर्शन किया, जो बाद में हिंसा में बदल गया। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और पुलिस पर पथराव किया, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग घायल हो गए। इसके बाद करछना थाने में 50 नामजद और 500 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। 60 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और पुलिस CCTV और वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर रही है।