कांवड़ यात्रा, शिक्षा और सड़कों को लेकर चंद्रशेखर आजाद का सरकार पर बड़ा हमला,
कहा - सकरार की नीतियां सबके लिये होनी चाहिए
6 days ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद और आजाद समाज पार्टी (आसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कांवड़ यात्रा, शिक्षा व्यवस्था और बुनियादी ढांचे को लेकर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने साफ कहा कि धर्म और आस्था को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सरकार की नीतियों को सबके लिए समान होना चाहिए।
कांवड़ यात्रा में सबकी भागीदारी और जिम्मेदारी जरूरी: चंद्रशेखर
कांवड़ यात्रा को लेकर चंद्रशेखर ने कहा, "कोई इसे आतंकवादी नहीं कह रहा है, लेकिन जिस धर्म में जिसकी आस्था है, उसमें उन्हें शामिल होना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि सरकार को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जिनसे कांवड़ यात्रा शांतिपूर्वक संपन्न हो और आम जनता को भी असुविधा न हो। उन्होंने सवाल उठाया कि कांवड़ यात्रा के दौरान कई व्यापारियों की दुकानें बंद करवाई गईं, जिससे उनके परिवारों की आजीविका पर असर पड़ा है। "सरकार को इस पर सोचने की जरूरत है कि उन व्यापारियों और उनके बच्चों का क्या होगा?" उन्होंने पूछा।
कांवड़ियों की वेशभूषा में हिंसा करने वालों पर कार्रवाई हो
आसपा प्रमुख ने दावा किया कि कुछ असामाजिक तत्व कांवड़ियों की वेशभूषा में हिंसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "ऐसे लोग कैमरे में कैद हुए हैं। यहां तक कि सीआरपीएफ जवान के साथ मारपीट की गई है। सरकार को इसका जवाब देना चाहिए।"
सड़कों और शिक्षा व्यवस्था पर भी उठाए सवाल
चंद्रशेखर आजाद ने प्रदेश की बुनियादी सड़कों की हालत पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, "हर गांव की सड़कें खराब हैं। सांसद निधि से एक सांसद 20 गांवों की सड़कें बनवा सकता है, लेकिन प्रदेश सरकार इस पर कोई पहल नहीं कर रही है।" इसके अलावा उन्होंने राज्य में बंद किए जा रहे स्कूलों पर भी चिंता जताई। चंद्रशेखर ने दावा किया कि प्रदेश में अब तक 27 हजार स्कूल बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा, "ये बच्चों के शिक्षा के अधिकार पर हमला है। ये संविधान के तहत मिले अधिकारों के खिलाफ है।"
AAP और INDIA गठबंधन से दूरी पर प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी के इंडिया गठबंधन से किनारा करने के सवाल पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "मैं उस गठबंधन का हिस्सा नहीं हूं। यह उनका आंतरिक मामला है। मैं सिर्फ आजाद समाज पार्टी का प्रतिनिधित्व करता हूं।" उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राष्ट्रीय मुद्दे ऐसे हैं जिन पर प्रधानमंत्री को स्वयं सामने आकर बात करनी चाहिए।