कालपी में करोड़ों का मुआवजा घोटाला, चंद्रशेखर आजाद ने CM योगी को लिखी चिट्ठी,
की CBI जांच की मांग
4 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Chandrashekhar Azad: जालौन जिले के कालपी क्षेत्र में बन रही एनएच-27 फोरलेन परियोजना को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस परियोजना में मुआवजा वितरण घोटाले की सीबीआई या एसटीएफ से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस परियोजना में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है और वास्तविक पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला है।
मुआवजे की रकम में हुआ बड़ा घोटाला
चंद्रशेखर आज़ाद के अनुसार, इस फोरलेन परियोजना के लिए सरकार द्वारा 78.42 करोड़ रुपये की राशि राजस्व विभाग के खाते में भेजी गई थी, ताकि प्रभावित भू-स्वामियों को मुआवजा दिया जा सके। लेकिन यह रकम असली पीड़ितों तक नहीं पहुंची। उन्होंने आरोप लगाया कि भू-माफियाओं ने अधिकारियों से मिलीभगत करके ग़ैर-हकदार लोगों के नाम पर करोड़ों रुपये का मुआवजा हासिल कर लिया।
वास्तविक पीड़ितों को नहीं मिला न्याय
नगीना सांसद ने विशेष तौर पर काली खास और दमदमा गांव के पीड़ितों का जिक्र करते हुए कहा कि इन इलाकों के वास्तविक भू-स्वामियों को आज तक मुआवजा नहीं मिला। चंद्रशेखर ने दावा किया कि इस पूरे घोटाले में लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और नगर पालिका के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले का मास्टरमाइंड अपने रिश्तेदारों और चहेतों को अवैध रूप से चेक वितरित करवा चुका है।
17 साल से न्याय के लिए भटक रहे लोग
चंद्रशेखर ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में लिखा कि जिन लोगों की ज़मीन इस परियोजना में ली गई, वे पिछले 17 सालों से न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं। उनकी ज़िंदगी पर इसका गहरा असर पड़ा है – यहां तक कि कई लोगों की आजीविका और बच्चों की शादियां भी रुक गईं।
सीबीआई या एसटीएफ जांच की मांग
इस पूरे मामले को संगठित घोटाला बताते हुए चंद्रशेखर आज़ाद ने मांग की है कि इस पर सीबीआई या एसटीएफ से गहन जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों और भू-माफियाओं की भूमिका इसमें है, उन्हें हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की जाए। साथ ही पीड़ितों को जल्द से जल्द उनका हक मिलना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इस घोटाले का सार्वजनिक ऑडिट और भौतिक सत्यापन कराया जाए ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके।