बिहार में मतदाता सूची संशोधन पर गरमाई सियासत,
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और प्रमोद तिवारी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
19 days ago
Written By: NEWS DESK
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - S.I.R.) को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने भारत निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ बताया है।
इमरान मसूद ने सुप्रीम कोर्ट से की हस्तक्षेप की मांग
सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा है कि, बिहार में अधिकांश आबादी पिछड़े वर्गों, दलितों और ग्रामीण क्षेत्रों से है, जहां दस्तावेज़ों की उपलब्धता हमेशा चुनौती रही है। उन्होंने कहा, "बहुत से बच्चे घरों में पैदा होते हैं, ऐसे में उनसे जन्म प्रमाण पत्र की मांग करके उनके मताधिकार को छीना जा रहा है।" इमरान मसूद ने आरोप लगाया कि, "चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं रह गया है और हठधर्मी रवैया अपना रहा है। सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए, तभी देश में लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा।"
प्रमोद तिवारी का भाजपा पर सीधा हमला
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने इस पूरे मामले को एक राजनीतिक साजिश बताया। उन्होंने कहा, "अगर चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर परंपरागत मतदाताओं के नाम हटाने की कोशिश कर रहा है, तो यह संविधान के खिलाफ है।" उन्होंने आगे कहा कि "अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और गरीब तबका भाजपा का परंपरागत विरोधी रहा है। ऐसे में यह कोशिश साफ तौर पर उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया से बाहर करने की साजिश है।" प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा कि इस मामले को सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही नहीं, बल्कि जनता की अदालत में भी चुनौती दी जाएगी।
विपक्ष का आक्रामक रुख
यहां बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर उठे सवालों ने आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया है। विपक्ष जहां इसे वोटर सर्जरी बता रहा है, वहीं चुनाव आयोग की तरफ से अभी तक कोई प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि कांग्रेस की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि, वह इसे संविधान, न्याय और लोकतंत्र के मंच पर लड़ने को तैयार है।