बीड़ी पोस्ट और गाली विवाद ने बिगाड़ा विपक्ष का गेम,
राहुल गांधी का हाइड्रोजन बम रह गया फीका
3 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Bihar Chunav: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गर्म हो चुका है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा ने विपक्ष को नई ऊर्जा देने की कोशिश की थी। लेकिन केरल कांग्रेस की विवादित सोशल मीडिया पोस्ट और दरभंगा रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के खिलाफ बोले गए अपशब्दों ने सारा खेल बिगाड़ दिया। भाजपा और जेडीयू इन मुद्दों को भुनाने में जुट गए हैं, जिससे महागठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
राहुल गांधी का हाइड्रोजन बम बयान
राहुल गांधी ने 1 सितंबर को पटना में अपनी यात्रा के समापन पर कहा कि माधवपुरा में हमने एटम बम दिखाया था, अब बिहार में हाइड्रोजन बम दिखाएंगे। उनका इशारा वोटर लिस्ट में कथित हेरफेर की ओर था। राहुल ने दावा किया कि 2024 लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा और चुनाव आयोग ने मिलकर फर्जी वोट जोड़े। उन्होंने वाराणसी समेत 48 सीटों पर ऐसे खुलासे का ऐलान किया। भाजपा नेताओं ने इस बयान को हल्का और गैरजिम्मेदार बताया। जीतन राम मांझी ने तंज कसा एटम बम से चींटी तक नहीं मरी, हाइड्रोजन बम का भी वही हाल होगा।
केरल कांग्रेस की बीड़ी पोस्ट से विवाद
जब राहुल का बयान चर्चा में था, 5 सितंबर को केरल कांग्रेस के आधिकारिक X हैंडल से पोस्ट किया गया बीड़ी और बिहार दोनों ब से शुरू होते हैं। अब इसे पाप नहीं माना जा सकता। इस पोस्ट को जीएसटी सुधारों पर तंज बताया गया, लेकिन इसे बिहार का अपमान मानकर हंगामा मच गया। भाजपा, जेडीयू और अन्य दलों ने कांग्रेस को घेर लिया। बाद में पोस्ट हटाकर KPCC ने माफी मांगी।
भाजपा-जेडीयू का हमला और विपक्ष की मुश्किलें
भाजपा के सम्राट चौधरी ने कहा, पहले पीएम की मां का अपमान, अब बिहार का। जेडीयू नेता नीरज कुमार ने इसे सांस्कृतिक हमला बताया। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पूछा कि क्या तेजस्वी यादव इस पर चुप रहेंगे। दरभंगा में राहुल-तेजस्वी की रैली में मंच से पीएम मोदी और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ अपशब्दों ने पहले से ही विपक्ष की छवि को नुकसान पहुंचाया है। भाजपा ने इसे महिलाओं का अपमान बताते हुए बिहार बंद का आह्वान किया।
चुनावी असर
राहुल की 16 दिन की 1300 किलोमीटर लंबी यात्रा का मकसद मतदाताओं में विश्वास जगाना था, लेकिन बीड़ी पोस्ट और गालीकांड ने कांग्रेस का नैरेटिव कमजोर कर दिया। बिहार की जनता भावनात्मक मुद्दों पर संवेदनशील मानी जाती है, और भाजपा इन्हें जोरदार तरीके से भुना रही है। ऐसे में 2025 का चुनाव विपक्ष के लिए चुनौती बनता जा रहा है।