रेप आरोपी को जेल भेजो, चंद्रशेखर मुर्दाबाद, बस्ती में महिलाओं का हंगामा,
बोलीं- अब नहीं सहेंगे अत्याचार
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Chandrashekhar Azad: बस्ती जिले में रविवार को उस समय हंगामा मच गया जब आजाद समाज पार्टी के प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण एक सम्मेलन में शामिल होने के बाद सर्किट हाउस पहुंचे। वहां हिंदूवादी संगठन से जुड़ी करीब 10 महिलाएं हाथ में तख्तियां लेकर पहुंचीं और उन्होंने चंद्रशेखर पर गंभीर आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। यह विरोध कार्यक्रम खत्म होने के बाद शुरू हुआ, जब चंद्रशेखर कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे।
बस्ती में चंद्रशेखर के खिलाफ महिलाओं का हंगामा
महिलाओं ने हाथ में जो तख्तियां ली थीं, उन पर रेप आरोपी को जेल भेजो, चंद्रशेखर मुर्दाबाद, महिलाओं को न्याय दो, जैसे नारे लिखे थे। महिलाएं लगभग आधे घंटे तक सर्किट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन करती रहीं। इस दौरान वहां तनावपूर्ण माहौल बन गया। विरोध के बीच आजाद समाज पार्टी की महिला कार्यकर्ता सामने आईं और उन्होंने इन महिलाओं को खदेड़ने की कोशिश की। फिर पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह हालात को काबू में किया।
कई महिलाओं के उत्पीड़न का आरोप
विरोध कर रहीं हिंदूवादी संगठन की सदस्य प्रियंशी सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चंद्रशेखर ने एक नहीं, कई महिलाओं के साथ उत्पीड़न किया है। उन्होंने कहा, जिसके नाम में ही रावण है, वो खानदानी रावण है। वो महिलाओं को पीछे करने में लगा रहता है। हम चाहते हैं कि उसे गिरफ्तार किया जाए और डॉ. रोहिणी को न्याय मिले।
चंद्रशेखर पर शोषण का आरोप
दरअसल, यह पूरा विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब मध्यप्रदेश के इंदौर की रहने वाली पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने चंद्रशेखर पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। रोहिणी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बताया कि न केवल उनके साथ, बल्कि कई अन्य महिलाओं के साथ भी चंद्रशेखर और उसके परिवार ने शोषण किया। उन्होंने खुद को विक्टिम नंबर 3 बताने वाली एक लड़की का हवाला भी दिया। बताया जाता है कि डॉ. रोहिणी की मुलाकात चंद्रशेखर से 2019 में स्विट्जरलैंड में हुई थी, जब वह उच्च शिक्षा के लिए वहां गई थीं। दोनों के बीच तीन साल तक संबंध रहे। हालांकि, लोकसभा चुनाव से पहले दोनों के बीच मतभेद की खबरें भी सामने आई थीं।
चंद्रशेखर प्रकरण पर अब तक नहीं आया प्रशासन का बयान
फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस या प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सीओ सदर सत्येंद्र भूषण तिवारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर इसकी गूंज तेज होती जा रही है।