बरेली में योग दिवस पर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने किया योग,
कहा—“सूर्य नमस्कार इस्लाम में मान्य नहीं”
1 months ago
Written By: NEWS DESK
बरेली: आज जब पूरा देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है, उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक विशेष और संदेशपूर्ण पहल सामने आई। यहां आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मदरसों के बच्चों और शिक्षकों के साथ मिलकर योग किया और निरोग रहने का संदेश दिया। इस अवसर पर मौलाना ने कहा कि योग केवल एक दिन का अभ्यास नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे दैनिक जीवन का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हर रोज फज्र (सुबह) की नमाज के बाद 15–20 मिनट योग किया जाए तो शरीर को बीमारियों से बचाया जा सकता है।”
मौलाना ने सूर्य नमस्कार से बनाई दूरी
हालांकि इस योग सत्र में मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने सूर्य नमस्कार नहीं किया। इसके पीछे उन्होंने धार्मिक मान्यता का हवाला दिया। मौलाना ने कहा कि इस्लाम में सूर्य, चंद्रमा या पेड़-पौधों की पूजा की अनुमति नहीं है, इसीलिए उन्होंने सूर्य नमस्कार से दूरी बनाई। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि, “जब सूर्य की लालिमा छट रही होती है तो कुछ मजहब के लोग उसे पूजते हैं, लेकिन इस्लाम सिर्फ अल्लाह की इबादत की इजाजत देता है। इसलिए हमने सूर्य नमस्कार नहीं किया।”
मुसलमानों से रोज योग करने की अपील
मौलाना ने मुसलमानों से अपील भी की कि, वे योग को धर्म से जोड़कर न देखें। उन्होंने कहा कि योग एक शारीरिक अभ्यास है, जो मानव शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखता है। उन्होंने मुस्लिम समाज को योग के प्रति जागरूक करते हुए इसे नमाज के बाद करने की सलाह दी।
बरेली से दिया गया समरसता और स्वास्थ्य का संदेश
इस आयोजन के माध्यम से बरेली से समरसता, स्वास्थ्य और सद्भाव का एक सकारात्मक संदेश गया है। मौलाना की यह पहल दर्शाती है कि योग को एक वैज्ञानिक और स्वास्थ्यपरक दृष्टिकोण से अपनाया जा सकता है, बशर्ते उसकी धार्मिक सीमाओं को ध्यान में रखा जाए।