अवैध धर्मांतरण के खिलाफ सीएम योगी की सख्ती,
बताया अनुसूचित जातियों को बरगलाकर चल रहा था धर्मांतरण का खेल
14 days ago
Written By: NEWS DESK
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर गुरु तेग बहादुर जी महाराज की 350वीं शहीदी वर्षगांठ को समर्पित श्री तेग बहादुर संदेश यात्रा का पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया। इस ऐतिहासिक यात्रा का उद्देश्य न केवल गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करना है, बल्कि समाज को उनके जीवन और आदर्शों से प्रेरित करना भी है।
सनातन धर्म की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर का बलिदान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर गुरु तेग बहादुर जी के अतुलनीय त्याग को याद करते हुए कहा कि उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उस कठिन कालखंड में, जब मुगल शासक औरंगजेब ने इस्लामीकरण की नीति अपनाई थी और अत्याचारों की पराकाष्ठा कर दी थी, तब गुरु तेग बहादुर ने निर्भय होकर इस वैचारिक और धार्मिक हमले का विरोध किया। वे धर्म और मानवाधिकारों के लिए एक जीवंत प्रतीक बनकर उभरे।
लखनऊ से दिल्ली तक संदेश यात्रा
दरअसल लखनऊ से आरंभ होकर यह संदेश यात्रा कानपुर, इटावा और आगरा होते हुए दिल्ली के ऐतिहासिक शीशगंज साहिब गुरुद्वारा तक पहुंचेगी, वहीं स्थान जहां गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया था। यह यात्रा केवल एक स्मृति यात्रा नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक जागरण है जो आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास से जोड़ती है।
अवैध धर्मांतरण के विरुद्ध सख्त रुख
सीएम योगी ने अपने भाषण में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ प्रदेश सरकार की कड़ी कार्रवाई की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि यह प्रयास समाज को तोड़ने और धार्मिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की गहरी साजिश है। अनुसूचित जातियों को लालच और भय के जरिए धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो न केवल संविधान के खिलाफ है बल्कि सामाजिक समरसता को भी चुनौती देता है। बलरामपुर में की गई एक बड़ी कार्रवाई का उल्लेख करते हुए सीएम योगी ने बताया कि विदेशों से अवैध धर्मांतरण के लिए धन आ रहा है। अब तक 100 करोड़ से अधिक की लेन-देन के प्रमाण 40 खातों में मिले हैं, जो देश की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
बलिदान की परंपरा और वर्तमान संदर्भ
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत हमें यह संदेश देती है कि जब भी धर्म, संस्कृति या राष्ट्रीय अस्तित्व पर संकट आए, तो बलिदान का मार्ग ही एकमात्र समाधान होता है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू और सिखों के बीच फूट डालने के प्रयास समय-समय पर होते रहे हैं और आगे भी हो सकते हैं, लेकिन हमें सतर्क रहकर इन षड्यंत्रों को विफल करना होगा।
प्रेरणा का स्रोत: शहीदी दिवस और वीर बाल दिवस
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित वीर बाल दिवस (26 दिसंबर) की भी सराहना की, जो गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों के बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि अब प्रकाश पर्व और बाल दिवस जैसे आयोजन केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक चेतना के प्रतीक बन चुके हैं।