मस्जिद में सियासी बैठक बर्दाश्त नहीं... देवबंदी उलमा का फूटा गुस्सा,
अखिलेश यादव को दी सख्त चेतावनी – कहा हल्के में ना लें
2 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Saharanpur News: दिल्ली की पार्लियामेंट स्ट्रीट स्थित एक मस्जिद में समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और महिला प्रतिनिधियों के साथ बैठक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सियासी घमासान मच गया है। यह बैठक मस्जिद के अंदर, इमाम के मुसल्ले के क़रीब हुई थी, जिसे लेकर देश और दुनिया के मुस्लिम समुदाय में नाराज़गी देखी जा रही है। धर्मगुरुओं ने इसे शरीयत के खिलाफ बताया है और इस पर सख्त ऐतराज जताया है।
देवबंदी उलेमा का तीखा विरोध
इस पूरे मामले पर अब देवबंद के प्रमुख इस्लामिक विद्वानों की तरफ से भी कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। मक्का में हज के सफर पर मौजूद जाने-माने देवबंदी उलेमा मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने वीडियो मैसेज जारी कर इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि मस्जिद अल्लाह का घर है, इबादत और रूहानी सुकून की जगह है। वहां सियासी बैठक करना शरीयत के सरासर खिलाफ़ है। यह हरकत न केवल इस्लाम के उसूलों के विरुद्ध है, बल्कि पूरी उम्मत की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है।
माफी की मांग और चेतावनी
मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी से साफ कहा कि उन्हें अपने इस कृत्य पर अल्लाह से तौबा करनी चाहिए और अवाम से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी चेताया कि इस मसले को हल्के में न लें, क्योंकि मस्जिदों की पाकीजगी और अदब हर राजनीतिक उद्देश्य से कहीं ऊपर है। उन्होंने कहा कि इबादतगाहों को सियासत का मंच नहीं बनाया जाना चाहिए। मस्जिद की पाकीजगी का ख्याल रखना हर मुसलमान की जिम्मेदारी है।
सोशल मीडिया पर नाराज़गी और बहस
यह वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में मुसलमानों ने इस बैठक की आलोचना की है। लोगों ने मांग की है कि मस्जिदों को राजनीति से दूर रखा जाए और उनकी पवित्रता को बनाए रखा जाए। मस्जिद में राजनीतिक मीटिंग की यह घटना ना सिर्फ दिल्ली बल्कि देशभर के मुस्लिम समुदाय में बहस का विषय बन गई है।