18 हजार शपथपत्रों का हिसाब बाकी... अखिलेश यादव ने उठाया बड़ा सवाल,
चुनाव आयोग पर साधा निशाना
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
U.P Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर चुनाव आयोग और जिला प्रशासन को घेरा है। 2022 के विधानसभा चुनावों में वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम हटाए जाने और अनियमितताओं के मुद्दे पर अखिलेश लगातार आवाज उठाते रहे हैं। अब उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर हक का गणित: 18000-14=17986 लिखकर चुनाव आयोग और जिला अधिकारियों को कठघरे में खड़ा कर दिया। अखिलेश का कहना है कि सपा द्वारा जमा किए गए 18,000 शपथपत्रों में से केवल 14 पर ही जवाब दिया गया है, वह भी अधूरा और निराधार। बाकी 17,986 शपथपत्रों का हिसाब अभी बाकी है।
18,000 शपथपत्रों का विवाद
अखिलेश यादव का आरोप है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में पिछड़े और दलित समुदाय के मतदाताओं के नाम जानबूझकर वोटर लिस्ट से हटाए गए। उन्होंने बताया कि खासकर मौर्य, पाल, बघेल और राठौर जैसी जातियों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया गया। सपा ने इस मामले में 18,000 शपथपत्र चुनाव आयोग को सौंपे थे, जिनमें अमापुर, बक्शी का तालाब, जौनपुर सदर और कुर्सी सीट पर गड़बड़ियों का जिक्र था। अखिलेश ने दावा किया कि इन अनियमितताओं की वजह से सपा को कई सीटों पर हार झेलनी पड़ी।
आयोग और जिला अधिकारियों पर सवाल
अखिलेश ने कहा कि चुनाव आयोग ने पहले तो यह मानने से ही इनकार कर दिया था कि उसे कोई शपथपत्र मिले हैं। इसके जवाब में उन्होंने डिजिटल रसीदें और ईमेल रिकॉर्ड पेश किए। टूंडला की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने कहा, अब यह लड़ाई सपा और चुनाव आयोग के बीच नहीं, बल्कि चुनाव आयोग और डीएम के बीच है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर तीन साल बाद अचानक जौनपुर, कासगंज और बाराबंकी के अधिकारियों ने जवाब क्यों दिया और वह भी अधूरा।
डीएम की सफाई और अखिलेश की प्रतिक्रिया
जिला अधिकारियों का कहना है कि शिकायतों की जांच में कई नाम दोहराए गए पाए गए और कुछ मृत मतदाताओं के नाम हटाए गए थे। कासगंज डीएम ने उदाहरण देते हुए कहा कि आठ नामों की जांच में सात दोहरे थे और एक मतदाता का देहांत हो चुका था। लेकिन अखिलेश ने इन सफाईयों को सतही बताते हुए कहा कि यह सब निराधार है और सच्चाई से ध्यान हटाने की कोशिश है।
भाजपा-चुनाव आयोग-डीएम की तिकड़ी
अखिलेश यादव ने भाजपा, चुनाव आयोग और जिला प्रशासन को एक तिकड़ी बताते हुए आरोप लगाया कि यह गठजोड़ मतदाताओं के अधिकारों को दबाने में जुटा है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। अखिलेश ने यहां तक कहा कि अगर चुनाव आयोग एक भी डीएम को निलंबित कर दे, तो भविष्य में वोट की डकैती रुक सकती है।