अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म, मऊ सदर सीट पर उपचुनाव की तैयारी
– अंसारी परिवार की सियासत पर संकट ?
5 days ago
Written By: STATE DESK
Abbas Ansari Disqualified: उत्तर प्रदेश की मऊ सदर विधानसभा सीट से विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म कर दी गई है। हेट स्पीच मामले में दो साल की सजा मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है। जिसके बाद अब यह सीट खाली हो गई है और अगले छह महीने के भीतर उपचुनाव कराना अनिवार्य हो गया है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या अब अंसारी परिवार की सियासत का अंत हो जाएगा या फिर कोई नया चेहरा सामने आएगा?
22 में SBSP के टिकट पर बने थे विधायक
दरसल माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से समाजवादी पार्टी के गठबंधन में जीत हासिल की थी। चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए एक विवादित बयान पर उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ और कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई। जिसके बाद अब इसके चलते उन्हें अपनी विधायकी गंवानी पड़ी।
काफी पुराना है दबदबा
दरअसल, मऊ सीट पर अंसारी परिवार का वर्चस्व काफी पुराना है। साल 1996 में मुख्तार अंसारी ने बहुजन समाज पार्टी से इस सीट पर जीत हासिल की थी। इसके बाद से यह सीट लगातार अंसारी परिवार के कब्जे में रही। लेकिन अब स्थिति बदलती नजर आ रही है।
कौन आ सकता है मैदान में
जिसके बाद अब होने वाले इस उपचुनाव को अंसारी परिवार की ‘अग्निपरीक्षा’ माना जा रहा है। परिवार के कई सदस्यों पर गंभीर मामले दर्ज हैं। मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट सहित कई मामले हैं और वह फरार चल रही हैं। वहीं अब्बास की पत्नी निकहत अंसारी पर जेल नियमों का उल्लंघन कर पति से मुलाकात करने और विदेशी मुद्रा रखने जैसे केस दर्ज हैं। ऐसे में दोनों के चुनाव लड़ने की संभावना बेहद कम है।
अब जो संभावित नाम सामने आ रहे हैं उनमें सबसे प्रमुख नाम उमर अंसारी का है, जो मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे हैं। उमर राजनीति में सक्रिय हैं और अब्बास की अनुपस्थिति में उनका कामकाज संभालते रहे हैं। लेकिन उनके खिलाफ भी हेट स्पीच का मामला दर्ज है, जो मुश्किल खड़ी कर सकता है।
दूसरा नाम है नुसरत अंसारी का, जो मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी की बेटी हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान नुसरत ने अपने पिता के लिए जोरदार प्रचार किया था, जिससे उन्हें पहचान भी मिली है। ऐसे में मऊ सीट पर नुसरत को भी विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।
क्या पैर जमा पाएगा अंसारी परिवार
अब देखना यह होगा कि क्या अंसारी परिवार फिर से इस सीट पर कब्जा जमा पाएगा या इस बार सियासी समीकरण बदलेंगे। उपचुनाव में यह स्पष्ट हो जाएगा कि मऊ सदर में अंसारी परिवार की पकड़ अब भी बरकरार है या उसका राजनीतिक अध्याय खत्म होने की कगार पर है।