ओपी राजभर ने बदल डाला PDA का फुल फार्म…
राजभर के फार्मूले पर मचा सियासी घमासान…
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश की सियासत में बयानबाजी का दौर लगातार गरमाता जा रहा है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के हालिया X (ट्विटर) पोस्ट “न चलेगी हकमारी, न मतमारी, इस बार PDA सरकार हमारी” पर गुरुवार को योगी सरकार के मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने जोरदार पलटवार किया। राजभर ने न केवल अखिलेश यादव की PDA राजनीति पर सवाल उठाए, बल्कि इस संक्षिप्त शब्द की नई परिभाषा गढ़कर सियासी हलकों में नई बहस छेड़ दी।
PDA का मतलब परिवार, डिंपल और अखिलेश?
अखिलेश यादव के PDA फॉर्मूले पर चुटकी लेते हुए ओपी राजभर ने कहा कि पहले अखिलेश यह स्पष्ट करें कि PDA का मतलब आखिर है क्या। राजभर के मुताबिक, “उनके ही लोग कहते हैं कि PDA का असली अर्थ है, P से परिवार, D से डिंपल और A से अखिलेश।” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसे विपक्ष पर करारा व्यंग्य बताते हुए जमकर साझा किया।
पूजा पाल के बयान पर सपा पर निशाना
ओपी राजभर ने सपा की नीतियों पर तीखा हमला बोलते हुए सदन में सपा विधायक पूजा पाल के बयान का हवाला दिया। राजभर ने कहा कि पूजा पाल ने खुद सदन में माना कि उनके पति की हत्या के बाद वर्षों तक उन्हें न्याय नहीं मिला, लेकिन योगी आदित्यनाथ सरकार आने के बाद ही उन्हें न्याय मिला। राजभर ने इसे उदाहरण बनाते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी न केवल पिछड़े वर्ग, बल्कि महिलाओं के साथ भी न्याय करने में असफल रही है। उन्होंने तंज कसते हुए सवाल उठाया, “जो पार्टी खुद महिलाओं और पिछड़ों के खिलाफ खड़ी हो, वह PDA की सरकार बनाने का दावा कैसे कर सकती है?”
सपा की रणनीति और भाजपा की जवाबी तैयारी
अखिलेश यादव PDA के नारे के जरिए पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग को साधने की रणनीति बना रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए सपा लगातार इस नारे को आगे बढ़ा रही है। दूसरी ओर, भाजपा और उसके सहयोगी दल इसे सिर्फ एक राजनीतिक हथकंडा बताते हैं। ओपी राजभर ने सपा पर आरोप लगाया कि पार्टी केवल नारेबाजी करती है और जनता को PDA के नाम पर गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का कोई ठोस एजेंडा नहीं है और उनकी राजनीति परिवारवाद तक ही सीमित है। भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल राजभर का यह बयान पूर्वांचल की राजनीति में खासा असर डाल सकता है, जहां उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है।
PDA पर बढ़ेगी सियासी जंग
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में PDA को लेकर सपा और भाजपा के बीच जुबानी जंग और तेज हो सकती है। भाजपा इस मुद्दे को समाजवादी पार्टी के परिवारवाद बनाम “सबका साथ, सबका विकास” की राजनीति के तौर पर पेश करने की तैयारी में है। वहीं, सपा भी अपने PDA फार्मूले को मजबूती से आगे बढ़ाते हुए पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश जारी रखेगी।