अब मुलायम सिंह और कांशी राम की राह पर निषाद पार्टी…जो पार्टी के साथ वही असली निषाद,
संजय निषाद के इस बयान से मचा हड़कंप
3 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद पार्टी अध्यक्ष और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद सुर्खियों में हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने विपक्षी दलों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि निषाद पार्टी को खत्म कराने के लिए विपक्ष “सुपारी पॉलिटिक्स” खेल रहा है। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष की ओर से अलग-अलग जिलों में नकली निषाद नेताओं को खड़ा किया जा रहा है ताकि असली निषाद समाज की राजनीतिक ताकत को कमजोर किया जा सके। डॉ. निषाद ने साफ कहा कि जो व्यक्ति निषाद पार्टी के साथ खड़ा होगा, वही असली निषाद कहलाएगा। जिस तरह बसपा से लड़ने वाला असली दलित और सपा से लड़ने वाला असली यादव माना जाता है, उसी तरह अब निषाद पार्टी ही असली निषाद समाज की पहचान बनेगी।
कांशी राम और मुलायम सिंह की राह पर पार्टी
डॉ. संजय निषाद ने कहा कि, उत्तर प्रदेश की 250 से अधिक विधानसभा सीटों पर निषाद समाज की निर्णायक भूमिका है। यूपी के 250 सीटों पर निषाद नतीजे तय करते हैं। विपक्ष को हमसे समस्या तो होगी ही, लेकिन मैंने अब तय किया है कि पार्टी को मान्यवर कांशी राम और मुलायम सिंह जी के रास्ते पर लेकर चलूंगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अब निषाद समाज “पव्वा” नहीं बल्कि “पावर” चाहता है। यानी निषाद समाज अब केवल वोट बैंक नहीं रहेगा बल्कि अपनी हिस्सेदारी, अपनी पहचान और अपने अधिकार के लिए लड़ेगा। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस, सपा और बसपा जैसी पार्टियां निषाद समाज का सिर्फ इस्तेमाल करती थीं। उन्होंने अंग्रेजों और मुगलों से तुलना करते हुए कहा कि जितना जुल्म अंग्रेजों ने नहीं किया, उससे चार गुना ज्यादा सपा और बसपा ने निषाद समाज का खून चूसा। लेकिन अब वक्त बदल चुका है।
NDA में नेशनल कोऑर्डिनेटर की मांग
वहीं बाराबंकी की हालिया घटना का जिक्र करते हुए डॉ. संजय निषाद ने कहा कि विपक्षी ताकतें बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के बीच दरार डालने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने ओम प्रकाश राजभर और एबीवीपी के बीच फैलाई गई अफवाहों को “षड्यंत्र” करार दिया। डॉ. निषाद ने NDA से मांग की कि गठबंधन में एक नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया जाए, जो ऐसे विवादित और संवेदनशील मुद्दों पर मध्यस्थता कर सके। उनका मानना है कि इस पद के जरिए राजनीतिक गलतफहमियों को दूर किया जा सकता है और विपक्ष की साजिशों को नाकाम किया जा सकता है।
ओपी राजभर-संजय निषाद की जोड़ी से घबराया विपक्ष
तालकटोरा अधिवेशन के बाद डॉ. संजय निषाद और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के रिश्ते और मजबूत हो गए हैं। दोनों नेताओं ने अपनी राजनीतिक एकजुटता को “दो भाइयों की जोड़ी” बताया। डॉ. निषाद ने कहा कि उनकी और ओपी राजभर की जोड़ी विपक्ष की नींद हराम कर चुकी है। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां हमारी ताकत से घबरा रही हैं, लेकिन हमें उनकी राय से कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारी वैल्यू “जय निषाद राज” के नारे से बढ़ती है, न कि विपक्ष की आलोचना से।