BJP अंदरखाने में छिड़ी आतंरिक जंग…
आपस में भिड़े कार्यकर्त्ता और विधायक…बयानबाजियों का दौर जारी…
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
कानपुर देहात की राजनीति इन दिनों अंदरूनी खींचतान से गरमाई हुई है। यहां भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले और प्रदेश सरकार की राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला के बीच छिड़ी जंग अब “सांसद बनाम विधायक” से बढ़कर “ब्राह्मण बनाम ब्राह्मण” की रणनीति में बदल गई है। जिसके बाद इसको लेकर यूपी में सियासत तेज हो गई है।
विधायकों पर लगे थे आरोप
मिली जानकारी के मुताबिक, अभी हाल ही में एक निजी होटल में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने प्रेस वार्ता कर विधायक प्रतिभा शुक्ला और अन्य विधायकों पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस बैठक की अगुवाई पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज शुक्ला ने की। उन्होंने साफ कहा कि “आज भाजपा के चारों विधायक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और इनमें कोई भी मूल भाजपाई नहीं। कोई सपा से आया, कोई बसपा से तो कोई कांग्रेस से।” कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री प्रतिभा शुक्ला और उनके पति व पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का अपमान कर रहे हैं और जातीय नारों से माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
विधायक का पलटवार
वहीं इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने साफ कहा कि वह मानहानि का नोटिस भेजेंगे और कोर्ट में मामला लड़ेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि विरोधी खेमे ने फर्जी कागज तैयार कर मीडिया में उन्हें बदनाम करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि मनोज शुक्ला और राजेश तिवारी ने न सिर्फ प्रतिभा शुक्ला बल्कि कानपुर देहात के चारों विधायकों को बदनाम किया। यहां तक कि पूर्व विधायक राकेश प्रत्यान पर भी आरोप लगाया गया कि जमीन पर टेक्सटाइल फैक्ट्री की बजाय सरकारी पार्क बनवाया जा रहा है।
उठा अवैध खनन का मुद्दा
वहीं खनन विवाद पर अनिल शुक्ला वारसी ने कहा कि, वह और उनकी पत्नी खनन के खिलाफ हैं। उन्होंने डीएम को पत्र लिखकर स्पष्ट किया था कि वैध खनन की अनुमति न दी जाए क्योंकि इसी बहाने अवैध खनन को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि, नगर पंचायत अकबरपुर में अवैध खनन हुआ जिसकी रिपोर्ट तहसीलदार और खनन अधिकारी ने दी। इसमें लिखा गया कि 4417 मीटर मिट्टी का अवैध खनन हुआ है और यह काम नगर पंचायत अकबरपुर ने किया।
सांसद से अपील
विधायक के पति ने सांसद से मांग की कि चेयरमैन और डीओ पर मुकदमा दर्ज हो और 40 लाख रुपये की रिकवरी की जाए। उन्होंने डीएम से यह भी कहा कि पिछली रिपोर्ट, जिसे पुराने डीएम ने दबा दी थी, तुरंत सार्वजनिक की जाए।