POK वापस लेना भारत का अंतिंम उद्देश…
पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भर्ती का बड़ा बयान
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पीओके को वापस लेना ही देश का अंतिम उद्देश्य है और जब यह हासिल हो जाएगा, तब "हमारा उद्देश्य पूरा हो जाएगा"। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान का आतंकवाद को बढ़ावा देना ही एक दिन उसकी तबाही का कारण बनेगा।
"पीओके वापस लेना ही अंतिम लक्ष्य"
न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए एक विशेष इंटरव्यू में मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा, "हमारा आखिरी लक्ष्य पीओके को वापस हासिल करना है। जब हम इसे वापस ले लेंगे, हमारा उद्देश्य पूरा हो जाएगा।" उन्होंने उन लोगों की भी आलोचना की जो भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता पर सवाल उठाते हैं। उमा भारती ने कहा, "मैं उन लोगों को जवाब नहीं देना चाहती, जो सेना की बहादुरी पर सवाल उठाते हैं। ऐसे लोग राजनीति करने के लायक नहीं हैं, क्योंकि उन्हें राष्ट्र के गौरव का अंदाज़ा ही नहीं है।"
"पाकिस्तान आतंकवाद से खुद बर्बाद होगा"
उमा भारती ने पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि भारत ने हमेशा आतंकवाद का सामना किया है और इसे पूरी तरह खत्म करके रहेगा। उन्होंने कहा, "इस पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का समाधान प्राकृतिक न्याय है। जब आतंकवाद के चलते पाकिस्तान तबाह हो जाएगा, तब उसकी अक्ल ठिकाने आएगी।" उन्होंने 1994 में संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव का भी उल्लेख किया, जिसमें साफ कहा गया था कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।
"हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश"
2008 के मालेगांव धमाका केस पर पूछे गए सवाल पर उमा भारती ने कहा कि यह "हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश" थी, जो तुष्टिकरण की राजनीति के तहत रची गई थी। उन्होंने कहा, "इस साजिश में शामिल लोगों ने देश की प्रतिष्ठा की कोई चिंता नहीं की। उनका उद्देश्य सिर्फ सत्ता पाना था।" उमा भारती ने आरोप लगाया कि इस केस में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह और अन्य को बेवजह निशाना बनाया गया। उन्होंने बताया, "लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को बहुत ज्यादा यातनाएं दी गईं। साध्वी प्रज्ञा सिंह को इतनी बुरी तरह प्रताड़ित किया गया कि वह आज तक ठीक से चल भी नहीं पातीं।" उन्होंने सवाल उठाया कि जब 2008 के मालेगांव धमाकों में लोगों की जान गईं, तो असली गुनहगारों की गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हुई है। उन्होंने मांग की कि "इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और असली दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।"