जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की साफ़ हुई तस्वीर…
अमित शाह के बड़े बयान से मचा सियासी घमासान
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर उठ रही अटकलों को खारिज कर दिया। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में शाह ने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा पूरी तरह व्यक्तिगत स्वास्थ्य कारणों की वजह से है और इसे किसी अन्य मुद्दे से जोड़कर देखना गलत होगा। अमित शाह ने कहा, “धनखड़ जी संवैधानिक पद पर बैठे थे और अपने कार्यकाल में उन्होंने संविधान के अनुसार अच्छा काम किया। उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तिगत समस्या के कारण इस्तीफा दिया है। इसे ज्यादा खींचने और अलग मायनों में देखने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।”
130वां संविधान संशोधन विधेयक पर सरकार का रुख
इसी इंटरव्यू में अमित शाह ने सरकार द्वारा प्रस्तावित संविधान (130वां संशोधन) विधेयक का बचाव किया। इस बिल के तहत अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या अन्य मंत्री किसी गंभीर अपराध में जेल जाते हैं, तो उन्हें पद से अनिवार्य रूप से हटाना होगा। शाह ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि यह बिल पास होगा। कांग्रेस समेत विपक्ष के कई लोग नैतिकता का समर्थन करेंगे और नैतिक आधार बनाए रखेंगे।” उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह इस सुधार का विरोध केवल अपने नेताओं को बचाने के लिए कर रहा है। शाह ने कहा, “आज भी वे यही चाहते हैं कि अगर कभी जेल जाएं, तो वहीं से सरकार बनाएं। जेल को सीएम हाउस, पीएम हाउस बना देंगे और डीजीपी, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव और गृह सचिव जेल से आदेश लेंगे।”
राहुल गांधी पर तंज, बिहार यात्रा पर टिप्पणी
अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। बिहार में राहुल गांधी की "वोटर अधिकार यात्रा" पर टिप्पणी करते हुए शाह ने कहा, “कार्यक्रम मैनेज करने और जनता से संवाद करने में बहुत फर्क होता है।” शाह ने आगे राहुल गांधी के पुराने कदमों का हवाला देते हुए कहा, “मनमोहन सिंह द्वारा लालू यादव को बचाने के लिए लाए गए अध्यादेश को राहुल गांधी ने फाड़ दिया था। उस दिन नैतिकता कहां थी? अगर तब नैतिकता थी, तो आज क्यों नहीं है, क्योंकि आप तीन चुनाव हार गए हैं?”
संसद सुरक्षा को लेकर CISF तैनाती पर सफाई
संसद सुरक्षा को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों पर शाह ने CISF की तैनाती का भी बचाव किया। उन्होंने कहा, “मार्शल तभी सदन में आते हैं, जब स्पीकर आदेश देते हैं। यह बदलाव तब हुआ था जब वामपंथी लोगों ने संसद के भीतर स्प्रे किया था। विपक्ष को बस बहाने चाहिए। वे जनता में भ्रम फैलाना चाहते हैं। तीन चुनाव हारने के बाद उनकी हताशा ने उनकी सामान्य समझ खत्म कर दी है।” गौरतलब है कि 5 अगस्त को राज्यसभा में विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया था कि सदन में CISF के जवान तैनात किए गए हैं। हालांकि सरकार और सभापति ने स्पष्ट किया कि तैनात कर्मी संसदीय सुरक्षा सेवाओं के ही हिस्से थे।