BSP सुप्रीमो ने ट्रंप के टैरिफ को बताया आतंक,
केंद्र से कड़ा कदम उठाने की मांग
2 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए भारी टैरिफ में बढ़ोतरी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर कड़ा हमला बोला। लखनऊ में हुई बसपा की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने इस फैसले को “ट्रंप टैरिफ आतंक” करार दिया और केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह इस चुनौती का सामना करने के लिए जनता और उद्योगों के हित में ठोस कदम उठाए।
ठोस सुधार नहीं हुए तो बढ़ेगी आर्थिक मुश्किलें
मायावती ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 50% तक के टैरिफ से न केवल उद्योग जगत को गहरा झटका लगेगा, बल्कि आम जनता की परेशानियां भी बढ़ेंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार ने समय रहते सार्थक सुधारात्मक कदम नहीं उठाए, तो गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, महंगाई और पलायन जैसी समस्याएं और भी विकराल रूप ले लेंगी। उन्होंने कहा कि इसका असर केवल देश की अर्थव्यवस्था तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भारत की वैश्विक साख को भी आघात पहुंचेगा।
मोदी-ट्रंप संबंधों पर साधा निशाना
बसपा प्रमुख का यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बैठक के बाद दोनों देशों की साझेदारी को “सकारात्मक” बताते हुए उनके साथ “विशेष संबंधों” की सराहना की थी। मायावती ने इस पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र सरकार केवल संबंधों की मजबूती का दिखावा कर रही है, जबकि जमीनी स्तर पर निर्यातकों, मजदूरों और उद्योगों की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। उन्होंने केंद्र सरकार पर जनता के हितों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया।
अमेरिकी टैरिफ से यूपी के उद्योगों पर संकट
अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ ने उत्तर प्रदेश के उद्योगों को गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया है। प्रदेश के प्रमुख निर्यातक जिलों जैसे नोएडा, कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, रामपुर और भदोही में इसका सबसे अधिक असर देखने को मिल रहा है। नोएडा की इलेक्ट्रॉनिक्स और गारमेंट इंडस्ट्री, कानपुर की चमड़ा और जूता उद्योग, वाराणसी की बुनकरी और सिल्क इंडस्ट्री, मुरादाबाद के पीतल के बर्तन, रामपुर के मेंथा तेल और भदोही के कालीन उद्योग पर इस टैरिफ वृद्धि का सीधा प्रभाव पड़ा है। निर्यातकों ने चेतावनी दी है कि बढ़ी हुई लागत और अमेरिकी बाजार में कम होती मांग के कारण ऑर्डर रुक रहे हैं, बाजार तक पहुंच घट रही है और हजारों नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है।
भदोही के कालीन उद्योग में हड़कंप
अमेरिकी टैरिफ वृद्धि का सबसे बड़ा असर भदोही के कालीन उद्योग पर पड़ा है। कालीन निर्यातकों ने कहा है कि यदि यह स्थिति बनी रही, तो करीब 30 लाख लोगों की आजीविका पर सीधा असर पड़ेगा। समाजवादी पार्टी के भदोही विधायक जाहिद बेग ने इस मामले को गंभीर बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कालीन उद्योग को बचाने के लिए विशेष बेलआउट पैकेज की मांग की है।
अगस्त में हुए विरोध प्रदर्शन, बढ़ी नाराजगी
अमेरिकी टैरिफ वृद्धि के खिलाफ अगस्त में कानपुर, भदोही, मुरादाबाद और वाराणसी में उद्योग जगत से जुड़े व्यापारी, निर्यातक और मजदूर सड़क पर उतर आए थे। इन प्रदर्शनों में केंद्र सरकार से मांग की गई थी कि वह अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत कर इस संकट का हल निकाले, ताकि रोजगार बच सके और निर्यात उद्योग को राहत मिल सके। हालांकि, अभी तक इस दिशा में केंद्र सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई है, जिससे उद्योग जगत में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
जनता और उद्योगों को दें राहत
बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह ट्रंप टैरिफ आतंक से निपटने के लिए कड़े कूटनीतिक कदम उठाए और भारत के हित में अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौता करे। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई गई, तो भारत के निर्यात क्षेत्र, रोजगार और आर्थिक विकास पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। मायावती ने सरकार को आगाह करते हुए कहा, “यदि केंद्र सरकार चुप बैठी रही, तो आने वाले दिनों में न केवल आम जनता की दिक्कतें बढ़ेंगी, बल्कि भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा भी गहरी चोट खाएगी।”