हमले के बाद CM रेखा गुप्ता के समर्थन में उतरी किरण बेदी,
‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम को विकेन्द्रीकृत करने के फैसले का किया स्वागत
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
दिल्ली की राजनीति में इन दिनों एक नई बहस छिड़ी हुई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को उनके कैंप कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान हुए हमले के बाद सरकार ने अब जनता से जुड़ने के अपने तरीके में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव को लेकर पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने शुक्रवार को इसका स्वागत किया और इसे शासन की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।
जनसुनवाई कार्यक्रम होगा विकेंद्रीकृत
वहीं हमले की घटना के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार को घोषणा की थी कि अब जनसुनवाई कार्यक्रम सिर्फ उनके आवास तक सीमित नहीं रहेगा। बल्कि इसे हर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा ताकि जनता की समस्याओं को उनके क्षेत्र में ही सुना और सुलझाया जा सके। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए किरण बेदी ने इसे एक “सही नजरिया” करार दिया। बेदी ने कहा कि, "यह दिल्ली के मुख्यमंत्री का सकारात्मक रुख है। ऐसी घटना पर यह एक अच्छा जवाब है और इस तरह के दृष्टिकोण का विकेंद्रीकरण क्यों नहीं किया जाता?"
“नेताओं को जनता से जुड़े रहने की जरूरत”
किरण बेदी ने चुनाव अभियान की तुलना करते हुए कहा कि जब नेता चुनावों के दौरान वोट मांगने के लिए निडर होकर जनता के बीच जाते हैं, तो सत्ता में आने के बाद उन्हें जनता से जुड़ने में कोई डर नहीं होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सिर्फ मुख्यमंत्री ही नहीं, बल्कि सभी विधायक, एमसीडी पार्षद और वरिष्ठ नौकरशाह भी जनता से सीधे संवाद के लिए नियमित जनसुनवाई का आयोजन करें। "चुनाव के दौरान जब प्रतिनिधि वोट मांगने निकलते हैं, तो क्या उन्हें किसी बात का डर होता है? वे निडर होकर जोखिम उठाते हैं। तो जनता द्वारा चुने जाने के बाद ऐसा क्यों नहीं?"
"शहर के शासन में आ सकती है क्रांति"
बेदी का मानना है कि यदि विधायक, पार्षद और वरिष्ठ अधिकारी हफ्ते में कम से कम एक घंटे के लिए नियमित रूप से जनता की समस्याएं सुनना शुरू कर दें, तो दिल्ली के शासन तंत्र में बड़ा बदलाव आ सकता है। उन्होंने कहा कि कई वरिष्ठ अधिकारी पहले से ही नागरिकों के साथ संवाद करते हैं, लेकिन इसे संस्थागत रूप से अपनाने की आवश्यकता है।
सुरक्षा चिंता पर किरण बेदी का जवाब
रेखा गुप्ता पर हुए हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उठे सवालों पर भी किरण बेदी ने स्पष्ट कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को उन्हीं लोगों से डरने की जरूरत नहीं, जिन्होंने उन्हें सत्ता में पहुंचाया है। "जनसुनवाई का वादा करने के बाद आप सुनवाई बंद नहीं कर सकते। हमारे पास व्यवस्थाएं मौजूद हैं। आज हमारे पास बहुत सारे कैमरे हैं। अगर कुछ होता भी है, तो हम उससे निपट लेते हैं।"
रेखा गुप्ता की प्रतिबद्धता
घटना के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था कि वह दिल्ली को कभी नहीं छोड़ेंगी और अपने जीवन का हर पल दिल्ली के लोगों की सेवा में समर्पित करेंगी। उनके अनुसार, जनसुनवाई कार्यक्रम को विकेंद्रीकृत करने का मकसद यही है कि हर नागरिक की समस्या तक सरकार की सीधी पहुंच हो।