रिलांचिंग से पहले शुरू हुई आकाश आनंद की अग्निपरीक्षा,
मायावती की नई सियासी रणनीति का पहला पड़ाव बना बिहार चुनाव
1 months ago
Written By: NEWS DESK
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में वापसी के बाद अब आकाश आनंद की सियासी यात्रा का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। इस बार बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें सीधे मैदान में तो उतार दिया है। लेकिन शुरुआत उत्तर प्रदेश से नहीं, बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव से हो रही है। जानकारों का मानना है कि, बिहार चुनाव उनके लिए अग्निपरीक्षा साबित होगा और यहीं से तय होगा कि, आकाश आनंद की यूपी की राजनीति में अगली भूमिका क्या होगी।
बिहार से सियासी धार तेज करने की तैयारी
जानकार मानते हैं कि, बसपा की नीतियों और नेतृत्व के केंद्र में मायावती वर्षों से अकेली निर्णयकर्ता रही हैं, लेकिन अब उन्होंने पार्टी को युवाओं से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। आकाश आनंद को एक परिपक्व और आक्रामक नेता के तौर पर उभारने की रणनीति के तहत, उन्हें बिहार चुनाव में सक्रिय भूमिका दी गई है। उनका टास्क स्पष्ट है, दलितों के साथ अन्य जातियों का समर्थन भी बसपा के पक्ष में मोड़ना।
रामजी गौतम को मिली ज़िम्मेदारी
वहीं, सूत्रों से आ रही खबर के मुताबिक, इस मिशन में आकाश की हर गतिविधि और शैली पर नजर रखने की जिम्मेदारी बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर रामजी गौतम को सौंपी गई है। वे न केवल आकाश के राजनीतिक तौर-तरीकों, भाषा और शैली का आंकलन करेंगे, बल्कि पार्टी के लिए उनकी उपयोगिता और भविष्य की रणनीति भी तय करेंगे।
बिहार रैली में दिखा आक्रामक तेवर
वहीं, बिहार की रैली में आकाश आनंद ने जिस तेवर और अंदाज में राज्य सरकार पर निशाना साधा, उसने यह साफ कर दिया है कि, वे इस मौके को केवल ‘राजनीतिक औपचारिकता’ नहीं, बल्कि बसपा सुप्रीमो की कसौटी पर खरा उतरने का मौका मान रहे हैं। उनके भाषणों में आक्रोश, रणनीति और जमीनी मुद्दों की झलक दिख रही है, जो दर्शाता है कि, वे खुद को पार्टी के भविष्य के रूप में स्थापित करने को तैयार हैं।
यूपी पंचायत चुनाव से पहले होगा ‘रिलॉन्च’
बताया जा रहा है कि, अगर बिहार में आकाश आनंद अपनी राजनीतिक सूझबूझ और नेतृत्व क्षमता का प्रभावी प्रदर्शन करने में सफल रहते हैं, तो बसपा उन्हें उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव से पहले जोर-शोर से ‘रिलॉन्च’ करेगी। वहीं, 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी उनकी अहम भूमिका देखने को मिल सकती है।