ओसामा बिन लादेन औरत बनकर भागा था अफगानिस्तान से,
अमेरिका के पूर्व CIA अफसर का सनसनीखेज दावा
1 days ago Written By: Aniket Prajapati
अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व अधिकारी जॉन किरियाकू (John Kiriakou) ने 24 साल पुरानी एक ऐसी कहानी उजागर की है जिसने सबको चौंका दिया है। किरियाकू ने दावा किया है कि अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन साल 2001 में अफगानिस्तान के टोरा बोरा पहाड़ों (Tora Bora Hills) से महिला का भेष धरकर भाग निकला था। उन्होंने यह खुलासा न्यूज एजेंसी ANI को दिए एक विशेष इंटरव्यू में किया। किरियाकू करीब 15 साल तक CIA में रहे और उस दौरान पाकिस्तान में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन के प्रमुख थे।
ओसामा ने औरत का भेष धरकर दी सेना को चकमा किरियाकू ने बताया कि अक्टूबर 2001 में अमेरिका को लगा कि उसने ओसामा बिन लादेन और अल-कायदा के टॉप नेताओं को टोरा बोरा में घेर लिया है। लेकिन असलियत कुछ और थी। उन्होंने कहा “हमें यह नहीं पता था कि सेंट्रल कमांड के कमांडर का ट्रांसलेटर दरअसल अल-कायदा का जासूस था। जब हमारी सेना ने ओसामा से नीचे आने को कहा, तो उसने ट्रांसलेटर के जरिए जवाब भेजा कि उन्हें रात तक का वक्त दिया जाए ताकि महिलाएं और बच्चे निकल जाएं। फिर वे आत्मसमर्पण कर देंगे। जनरल फ्रैंक्स ने यह मान लिया।” किरियाकू के मुताबिक, रात के अंधेरे में ओसामा ने महिला का बुर्का पहना, एक ट्रक में बैठा और सीधे पाकिस्तान भाग गया। सुबह जब अमेरिकी सैनिक पहुंचे, तो वहां न कोई ओसामा था और न उसका कोई आतंकी। पूरा ग्रुप भाग चुका था।
‘हमने मुशर्रफ को खरीद लिया था’ किरियाकू ने आगे खुलासा किया कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच उस समय बहुत करीबी रिश्ते थे। उन्होंने कहा,“साफ शब्दों में कहें तो हमने परवेज मुशर्रफ को खरीद लिया था। अमेरिका ने उन्हें अरबों डॉलर की सैन्य और आर्थिक मदद दी। बदले में पाकिस्तान ने हमें हर तरह की अनुमति दी। लेकिन पाकिस्तान की असली फिक्र भारत थी, न कि अल-कायदा।” उन्होंने बताया कि ओसामा के भागने के बाद लड़ाई अफगानिस्तान से पाकिस्तान के अंदर तक फैल गई थी।
पाकिस्तान से निकला अल-कायदा का लिंक किरियाकू ने आगे बताया कि मार्च 2002 में लाहौर में CIA ने एक लश्कर-ए-तैयबा के सुरक्षित ठिकाने पर छापा मारा। वहां से तीन आतंकी पकड़े गए, जिनके पास अल-कायदा का ट्रेनिंग मैनुअल मिला। उन्होंने कहा, “यही वो पहली बार था जब हमें लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा के बीच सीधा संबंध मिला। CIA के डिप्टी डायरेक्टर ने इसे बड़ी कामयाबी बताया क्योंकि इससे पहली बार हम पाकिस्तानी तंत्र को अल-कायदा से जोड़ पाए।”