तिब्बत के ऊपर क्यों नहीं उड़ते प्लेन, विज्ञान है वजह या कुछ और रहस्य छिपा है पीछे,
जानें इसके पीछे की पूरी वजह
2 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Why Planes Don’t Fly Over Tibet: तिब्बत, जिसे धरती की छत (Roof of the World) कहा जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यह इलाका हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है, लेकिन तिब्बत से जुड़ी एक खास बात अकसर लोगों को हैरान कर देती है यहां के ऊपर से कोई भी हवाई जहाज क्यों नहीं उड़ता? दुनिया के ज्यादातर विमान मार्गों को देखें तो पाएंगे कि तिब्बत को जानबूझकर एविएशन रूट से दूर रखा गया है। इसके पीछे कोई साजिश या अंतरराष्ट्रीय नियम नहीं, बल्कि तकनीकी और भौगोलिक वजहें हैं।
ऊंचाई और भौगोलिक चुनौतियां हैं बड़ी वजह
तिब्बत समुद्र तल से करीब 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर बसा है। यह क्षेत्र ऊंचे पठारों और खतरनाक पहाड़ी इलाकों से घिरा हुआ है। हालांकि, विमान आमतौर पर इससे कहीं ज्यादा ऊंचाई पर उड़ते हैं, लेकिन अगर कोई इमरजेंसी हो जाए तो समस्या बढ़ जाती है। विमान में अचानक केबिन का दबाव कम होने की स्थिति में पायलट को जहाज को नीचे लाकर 10,000 फीट की ऊंचाई पर लाना पड़ता है ताकि यात्री आसानी से सांस ले सकें। लेकिन जब ज़मीन की ऊंचाई ही 16,000 फीट हो, तो ऐसे में विमान को सुरक्षित नीचे लाना लगभग नामुमकिन हो जाता है। इसीलिए, विमान कंपनियां इस इलाके से उड़ान नहीं भरतीं।
आपातकालीन लैंडिंग की जगह ही नहीं है
तिब्बत के पहाड़ी इलाके में रनवे या एयरफील्ड की संख्या बेहद कम है। अगर कोई इमरजेंसी हो भी जाए तो जहाज को कहीं सुरक्षित उतारने की व्यवस्था नहीं है। न तो एयरफील्ड मौजूद हैं, न ही संचार व्यवस्था उतनी मजबूत है कि पायलट को तत्काल सही निर्देश मिल सकें। ऐसे में पायलट और यात्रियों दोनों की जान खतरे में पड़ सकती है।