क्या है विजिंजम पोर्ट जिसका PM मोदी ने किया उद्घाटन ?
जानिए भारत के पहले ट्रांसशिपमेंट हब की खासियत
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
Vizhinjam Port: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केरल के विजिंजम में भारत के पहले गहरे पानी के ट्रांसशिपमेंट पोर्ट का उद्घाटन किया। यह पोर्ट न केवल केरल बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। यह भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार में मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है।
क्या है विजिंजम पोर्ट?
आज चर्चा में बना हुआ यह विजिंजम पोर्ट एक प्रकार का ऐसा ख़ास समुद्री बंदरगाह है, जिसको विशेष रूप से आकार में बड़े जहाजों के ट्रांसशिपमेंट (container transfer) के लिए तैयार किया गया है। यानी दुनिया भर के कंटेनर जहाज यहां रुककर अपने माल को छोटे जहाजों में ट्रांसफर करेंगे, जो भारत के अन्य हिस्सों या पड़ोसी देशों तक जाएंगे। यह बंदरगाह केरल के तिरुवनंतपुरम से करीब 16 किलोमीटर दूर है और अरब सागर से जुड़ा हुआ है।
इसकी क्या खासियत है?
इस खास पोर्ट की गहराई 20 मीटर से ज्यादा है, जिससे दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज आसानी से यहां रुक सकते हैं। वहीं अन्य बंदरगाहों की तरह यहां बार-बार समुद्र तल को खोदने (dredging) की आवश्यकता नहीं है, जिससे यह अधिक किफायती बनता है। साथ ही यह पोर्ट दुनिया के प्रमुख समुद्री व्यापार मार्ग के बहुत नजदीक है, जिससे इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सुविधा माना जा रहा है।
विजिंजम पोर्ट के फायदे
रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक भारत को अपने कंटेनर ट्रांसशिपमेंट के लिए श्रीलंका के कोलंबो, सिंगापुर और दुबई पर निर्भर रहना पड़ता था। विजिंजम से यह निर्भरता कम होगी। वहीं विदेशों में ट्रांसशिपमेंट कराने पर हर साल भारत को हजारों करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। अब यह पैसा देश में ही बचेगा। इस पोर्ट को स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का बड़ा अवसर भी माना जा रहा है। जानकारों की माने तो इसके चलते केरल सहित दक्षिण भारत में हज़ारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। साथ ही विजिंजम से भारत का आयात-निर्यात और तेज, और सस्ता होगा। इससे देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी।