मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से चारधाम यात्रा ठप,
हजारों यात्री फंसे, उत्तराखंड में बरपा मौसम का कहर
1 months ago
Written By: NEWS DESK
उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बीती रात से जारी मूसलाधार बारिश ने पहाड़ी क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश और भूस्खलन के चलते बद्रीनाथ और केदारनाथ हाईवे कई स्थानों पर बंद हो गए हैं, जिससे चारधाम यात्रा फिलहाल पूरी तरह से ठप हो चुकी है।
केदारनाथ यात्रा रुकी, सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग बंद
यहां केदारनाथ धाम को जोड़ने वाला सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटर मार्ग कई जगहों पर मलबा और भारी बोल्डर गिरने के कारण पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। मुनकटिया क्षेत्र में लगातार हो रहे भूस्खलन की वजह से रास्ता खोलना मुश्किल हो रहा है। यात्रियों को एसडीआरएफ और पुलिस द्वारा सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है और वैकल्पिक मार्गों से उनकी आवाजाही का प्रयास किया जा रहा है।
बद्रीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में अवरुद्ध
वहीं, इधर ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सिरोबगड़, भनेरपानी और पीपलकोटी में भारी भूस्खलन के चलते हाईवे पूरी तरह बंद है। चमोली पुलिस के अनुसार, जोशीमठ, गोविंदघाट और पांडुकेश्वर जैसे क्षेत्रों में हजारों श्रद्धालु फंसे हुए हैं। इन स्थानों पर ठहराव और भोजन जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं।
राहत कार्यों में जुटी टीमें
वहीं घटना की जानकारी होने के बाद, सीमा सड़क संगठन (BRO) और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की टीमें मलबा हटाने के काम में जुटी हैं। हालांकि लगातार बारिश और गिरते बोल्डर्स के कारण कार्य में बाधा आ रही है। पुलिस प्रशासन ने यात्रियों से धैर्य रखने और खराब मौसम में यात्रा टालने की अपील की है।
चारधाम यात्रा पर भारी असर
मई के पहले हफ्ते से शुरू हुई चारधाम यात्रा इस मौसम के कारण गहरे संकट में है। केदारनाथ धाम में जहां पहले प्रतिदिन 24-25 हजार श्रद्धालु पहुंचते थे, अब यह संख्या घटकर 16 हजार के आसपास रह गई है। इसके अलावा हेली सेवाएं भी मानसून के कारण बंद कर दी गई हैं। बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और अन्य पर्यटन स्थलों की ओर जा रहे यात्री सिरोबगड़, पिनौला और पातालगंगा जैसे भूस्खलन क्षेत्रों में फंसे हुए हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों में तेज बारिश और भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। प्रशासन और बचाव दल अलर्ट पर हैं, लेकिन खराब मौसम ने रेस्क्यू ऑपरेशनों को भी धीमा कर दिया है।