उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025: हाईकोर्ट से सरकार को बड़ी राहत,
चुनाव प्रक्रिया पर से हटी रोक
1 months ago
Written By: NEWS DESK
उत्तराखंड में लंबे इंतजार और कानूनी कशमकश के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 का रास्ता आखिरकार साफ हो गया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सरकार को बड़ी राहत देते हुए चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है। यह फैसला राज्य सरकार और ग्रामीण पंचायत व्यवस्था दोनों के लिए अहम माना जा रहा है।
हुई औपचारिक घोषणा
हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सरकार द्वारा पेश किए गए आरक्षण रोस्टर और अन्य दस्तावेजों के आधार पर यह निर्णय सुनाया। इसके साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि अब पंचायत चुनाव की औपचारिक घोषणा की जा सकती है।
क्या था मामला?
दरअसल, 21 जून 2025 को राज्य सरकार ने पंचायत चुनावों की घोषणा की थी। लेकिन 23 जून को हाईकोर्ट ने चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सरकार से आरक्षण और रोटेशन नीति से जुड़े सवालों का जवाब मांगा था। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि सरकार ने आरक्षण रोटेशन के मूल सिद्धांत का उल्लंघन किया है।
तीन कार्यकाल के बाद बदलती हैं सीटें
याचिका में कहा गया था कि, पुरानी रोटेशन नीति के तहत तीन कार्यकालों के बाद सीटें बदली जाती थीं, लेकिन इस बार कुछ सीटों को चौथे कार्यकाल के लिए भी आरक्षित कर दिया गया है। वहीं राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया कि गज़ट नोटिफिकेशन 14 जून 2025 को जारी किया गया था, लेकिन कम्युनिकेशन गैप के कारण समय पर अदालत को सूचना नहीं मिल पाई।
कोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की दलीलें सुनने के बाद यह मान लिया कि, चुनाव की तैयारी पूरी हो चुकी है और कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है। अदालत ने कहा कि, फिलहाल चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है, और चुनाव कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा सकता है।
क्या होगा अब?
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग को त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की नई तारीखों की औपचारिक घोषणा करने का रास्ता मिल गया है। माना जा रहा है कि, अगले कुछ दिनों में निर्वाचन आयोग पूरी चुनाव प्रक्रिया को सार्वजनिक कर देगा। यह फैसला राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती व्यवस्था की समयबद्ध पुनर्स्थापना के लिए अहम माना जा रहा है। साथ ही, इससे सरकार को भी बड़ी कानूनी राहत मिली है, जो चुनाव प्रक्रिया के विलंब से बचना चाहती थी।