उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 पर हाईकोर्ट की रोक,
आरक्षण रोटेशन को लेकर उठे सवाल
1 months ago
Written By: NEWS DESK
उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर नैनीताल हाईकोर्ट ने अस्थायी रोक लगा दी है। यह रोक राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए नए आरक्षण रोटेशन को लेकर दायर याचिकाओं के चलते लगाई गई है। अब चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से पहले सरकार को कोर्ट में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
क्या है मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार ने 9 जून 2025 को पंचायत चुनावों के लिए नई नियमावली जारी की थी और 11 जून को एक आदेश के जरिए अब तक लागू आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित करते हुए नया रोटेशन लागू किया। इसके बाद चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई और 25 जून से नामांकन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा के साथ आचार संहिता भी लागू कर दी गई थी। हालांकि, इससे पहले ही कई याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आरक्षण में अनियमितता का आरोप लगाया था।
याचिका में क्या कहा गया?
दरअसल, टिहरी निवासी मुरारीलाल खंडवाल द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि, सरकार तीन बार से एक ही सीट को आरक्षित कर रही है, जिससे सामान्य वर्ग के लोगों को अवसर नहीं मिल पा रहा। वहीं, बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य याचिकाकर्ताओं ने सरकार द्वारा जारी नियमों को भी खंडपीठ में चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, इस निर्णय से न्यायालय के पूर्व निर्देशों का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने सवाल उठाया है कि, जब मामला अदालत में विचाराधीन है, तो सरकार ने चुनाव की तारीखें कैसे घोषित कर दीं?
कोर्ट का रुख और सरकार की प्रतिक्रिया
वहीं, नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार से जवाब मांगते हुए चुनाव प्रक्रिया पर मंगलवार (24 जून) तक रोक लगा दी है। सरकार की ओर से कोर्ट से उत्तर देने के लिए समय भी मांगा गया था, लेकिन इससे पहले ही चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया गया था। सरकार ने यह भी बताया कि, इस विषय से जुड़े कुछ मामले एकलपीठ में विचाराधीन हैं, लेकिन याचिकाकर्ताओं का कहना है कि खंडपीठ में नई नियमावली और आरक्षण प्रक्रिया को चुनौती दी गई है।
अंतिम निर्णय पर टिकी निगाहें
वहीं, अब सभी की निगाहें सरकार के उत्तर और कोर्ट के अंतिम निर्णय पर टिकी हैं। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद संभावना है कि, आरक्षण प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया जाएगा, जिससे चुनावी कार्यक्रम में विलंब हो सकता है।