अमेरिका में शटडाउन से गहराया संकट, ट्रंप के सहयोगी ने दिया ₹1,080 करोड़ का दान,
सेना के वेतन पर उठे सवाल
3 days ago Written By: Aniket Prajapati
अमेरिका में सरकारी शटडाउन के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सरकार के पास धन खत्म हो गया है, जिससे कर्मचारियों और सैनिकों के वेतन भुगतान पर संकट खड़ा हो गया है। इस बीच, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक करीबी सहयोगी ने सरकार को संभालने के लिए 130 मिलियन डॉलर (करीब ₹1,080 करोड़) का दान दिया है। अमेरिकी रक्षा विभाग (Pentagon) ने इसकी पुष्टि की है और बताया कि यह राशि सेना के वेतन और भत्तों के भुगतान में इस्तेमाल की जाएगी।
पेंटागन ने की पुष्टि, अनाम सहयोगी ने की मदद रक्षा विभाग के प्रवक्ता शॉन पर्नेल ने CNN से कहा, “यह दान इस शर्त के साथ दिया गया कि इसे सेवा सदस्यों के वेतन और लाभों के लिए उपयोग किया जाए।” उन्होंने बताया कि रक्षा विभाग ने इसे अपनी ‘जनरल गिफ्ट एक्सेप्टेंस अथॉरिटी’ के तहत स्वीकार किया है। हालांकि, यह फैसला अमेरिकी परंपरा से बड़ा बदलाव माना जा रहा है, क्योंकि सेना को चलाने के लिए अब तक केवल कांग्रेस से मिले टैक्सपेयर के धन का ही उपयोग होता रहा है। निजी दान से रक्षा फंडिंग करना अमेरिकी इतिहास में पहली बार हुआ है।
दान से नहीं भर पाएगी वेतन की कमी अमेरिका में इस समय करीब 13 लाख एक्टिव ड्यूटी सैनिक हैं। ऐसे में 130 मिलियन डॉलर की यह राशि प्रति सैनिक सिर्फ 100 डॉलर तक ही असर डालेगी। कांग्रेस के दोनों दलों डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के सांसदों ने दान के स्रोत और कानूनी प्रक्रिया को लेकर चिंता जताई है। डेलावेयर के सीनेटर क्रिस कून्स, जो सीनेट की रक्षा विनियोग उपसमिति के प्रमुख डेमोक्रेट हैं, ने कहा,“अगर हमारी सेना को अनाम दान से फंड किया जा रहा है, तो यह गंभीर सवाल उठता है,क्या हमारे सैनिक किसी विदेशी ताकत की ओर से खरीदे जा रहे हैं?”
एक्सपर्ट्स बोले कानून साफ मना करता है पूर्व रिपब्लिकन बजट सलाहकार बिल होग्लैंड ने CNN से कहा, “सरकार दान स्वीकार कर सकती है, लेकिन उसे वेतन भुगतान के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकती, क्योंकि कानून इसकी इजाजत नहीं देता।” वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह दान उनके एक “दोस्त” ने दिया है, जो अपनी पहचान गोपनीय रखना चाहता है। उन्होंने दावा किया कि इससे “सैन्य फंडिंग की कमी पूरी की जाएगी।”
दाता की पहचान पर रहस्य, व्हाइट हाउस चुप जब पत्रकारों ने दाता की पहचान और उसके किसी विदेशी संबंध के बारे में पूछा, तो व्हाइट हाउस ने कोई जवाब नहीं दिया। सभी सवालों को पेंटागन और ट्रेजरी विभाग की ओर मोड़ दिया गया, लेकिन दोनों ने भी कोई टिप्पणी नहीं की। इससे अटकलें तेज हो गई हैं कि आखिर यह “अनाम दानदाता” कौन है और उसकी मंशा क्या है।
शटडाउन से बढ़ी ट्रंप प्रशासन की मुश्किलें अमेरिका में जारी शटडाउन के चलते सरकारी कर्मचारियों, सैनिकों और कई एजेंसियों के कामकाज पर गंभीर असर पड़ा है। विश्लेषकों का कहना है कि अगर यह स्थिति जल्द नहीं सुलझी, तो इसका असर राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था दोनों पर पड़ सकता है।