अमेरिकी का सख्त फैसला: भारतीय बिजनेसमैन को वीज़ा देने से इनकार,
ड्रग्स तस्करी के आरोप में कार्रवाई
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
US Embassy: नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने बड़ा कदम उठाते हुए कुछ भारतीय बिजनेस एक्जिक्यूटिव और कॉर्पोरेट नेताओं के वीजा रद्द कर दिए हैं। दूतावास ने इन व्यक्तियों को भविष्य में भी वीजा देने से साफ इनकार कर दिया है। यह कार्रवाई फेंटानिल बनाने वाले रसायनों की तस्करी से कथित तौर पर जुड़े होने के आरोप में की गई है। हालांकि, दूतावास ने इस मामले से जुड़े किसी भी व्यक्ति या कंपनी का नाम सार्वजनिक नहीं किया है।
क्या है फेंटानिल और क्यों हो रही कार्रवाई फेंटानिल एक बेहद शक्तिशाली ओपिऑइड दवा है जिसे दर्द निवारण के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अमेरिका में यह नशे की लत और मौतों के लिए जिम्मेदार मानी जाती है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इसके अवैध कारोबार पर सख्त रुख अपनाया हुआ है। ट्रंप सरकार ने साफ किया है कि ऐसे मामलों में व्यापार और टैरिफ नीतियों तक में बदलाव किए जा सकते हैं। 18 सितंबर को दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि फेंटानिल से अमेरिकी नागरिकों को बचाना उनकी प्राथमिकता है और इसी नीति के तहत ये वीजा रद्द किए गए हैं।
परिवार पर भी असर और कानूनी आधार दूतावास ने चेतावनी दी है कि जिन लोगों के वीजा रद्द हुए हैं उनके परिवार के सदस्य भी अब अमेरिका यात्रा के योग्य नहीं होंगे। यह कार्रवाई अमेरिकी आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 221(i), 212(a)(2)(C) और 214(b) के तहत की गई है। दूतावास ने यह भी कहा कि उन कंपनियों के अधिकारियों को भी नोटिस दिया जा रहा है जो इस कारोबार से जुड़ी मानी जाती हैं और भविष्य में उनके वीजा आवेदन की गहन जांच होगी।
ट्रंप ने भारत को बताया ड्रग्स तस्करी वाला देश इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 17 सितंबर को भारत, चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान समेत 23 देशों को ड्रग्स तस्करी या अवैध दवाओं के उत्पादन करने वाले देशों की सूची में शामिल किया। इस सूची में मैक्सिको, कोलंबिया, वेनेजुएला, बर्मा और कई लैटिन अमेरिकी देश भी हैं।
सूची का क्या मतलब है अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस सूची में शामिल होना यह साबित नहीं करता कि कोई देश अमेरिका के साथ सहयोग नहीं कर रहा। दरअसल, कई बार भौगोलिक और आर्थिक कारणों से ड्रग्स और रसायनों की आवाजाही को पूरी तरह रोकना मुश्किल होता है। सरकारें कानून और नियंत्रण तो लागू करती हैं, लेकिन फिर भी तस्करी की घटनाएं होती रहती हैं।