अमेरिकी सेना में दाढ़ी रखने पर बैन,
सिख-मुस्लिम और यहूदी सैनिकों की बढ़ीं मुश्किलें
23 days ago Written By: Ashwani Tiwari
US Army Bans Beards Again: अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने सेना से जुड़े एक बड़े फैसले का ऐलान किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने 30 सितंबर को एक सख्त ग्रूमिंग नीति जारी की, जिसके तहत अब सैनिक दाढ़ी नहीं रख पाएंगे। इस नए नियम से अमेरिका में सिखों और मुस्लिम समुदाय की चिंता बढ़ गई है। इससे पहले 2010 के बाद धार्मिक स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए सैनिकों को दाढ़ी रखने की छूट दी गई थी, लेकिन अब यह ढील लगभग खत्म कर दी गई है। इस नीति को 60 दिनों के भीतर लागू करने का आदेश दिया गया है।
पुराने नियमों की वापसी अमेरिकी सेना में 2010 से पहले दाढ़ी पर प्रतिबंध था। अब उसी नियम को वापस लागू किया गया है। हालांकि, कुछ स्पेशल फोर्सेज यूनिट्स को सीमित छूट मिलेगी। रक्षा मंत्री हेगसेथ ने कहा कि यह कदम अनुशासन और युद्धक क्षमता को बहाल करने के लिए जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि सेना में बेतुके शेविंग प्रोफाइल्स और अनुचित व्यक्तिगत अभिव्यक्ति को अब खत्म किया जाएगा।
धार्मिक समुदायों पर असर इस नियम से वे सैनिक सीधे प्रभावित होंगे जो धार्मिक कारणों से दाढ़ी रखते हैं जैसे सिख, मुस्लिम और ऑर्थोडॉक्स यहूदी समुदाय। सिख कोएलिशन ने इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि यह सैकड़ों धार्मिक सैनिकों को अपने धर्म और सेना में सेवा के बीच चुनाव करने के लिए मजबूर करेगा। 2010 के बाद लंबी कानूनी लड़ाइयों और मानवाधिकार अभियानों के चलते धार्मिक सैनिकों को छूट मिली थी। 2017 में अमेरिकी रक्षा विभाग ने औपचारिक रूप से इस नीति को मान्यता दी थी, जिसके बाद कई सिख, मुस्लिम और यहूदी सैनिक अपनी धार्मिक पहचान के साथ सेना में सेवा करने लगे थे। अब एक बार फिर यह अधिकार छिनता दिख रहा है।
अफ्रीकी-अमेरिकी सैनिकों पर प्रभाव यह नीति ब्लैक सैनिकों पर भी असर डालेगी जिन्हें PFB नामक त्वचा रोग के कारण मेडिकल छूट मिली थी। अब यह छूट केवल 12 महीनों तक सीमित कर दी गई है। इसके बाद सैनिकों को इलाज पूरा करना होगा, अन्यथा उन्हें सेवा से हटाए जाने का खतरा रहेगा।
आलोचना और विवाद नागरिक अधिकार समूहों और धार्मिक संगठनों ने इस नीति को भेदभावपूर्ण और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी संविधान का पहला संशोधन सरकार को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अदालत में यह साबित करना मुश्किल होगा कि दाढ़ी रखने से सेना की सुरक्षा को गंभीर खतरा होता है। यही वजह है कि यह नया नियम पहले ही बड़े विवाद में घिर चुका है।