आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को मिली नई बड़ी जिम्मेदारी,
बने आईएमएफ के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, 3 साल का कार्यकाल
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Urjit Patel IMF: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है। सरकार ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है और यह जिम्मेदारी उन्हें तीन साल के लिए सौंपी गई है। यह भारत के लिए गर्व की बात है, क्योंकि पटेल एक अनुभवी अर्थशास्त्री हैं और उनकी नियुक्ति से भारत की आर्थिक नीतियों को वैश्विक मंच पर और मजबूती मिलेगी। उनका अनुभव और ज्ञान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की आवाज़ को और प्रभावी बनाएगा।
आरबीआई गवर्नर के तौर पर योगदान
उर्जित पटेल ने सितंबर 2016 में रघुराम राजन के बाद आरबीआई के 24वें गवर्नर का पद संभाला था। हालांकि उनका कार्यकाल दिसंबर 2018 तक ही रहा और निजी कारणों से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। यह 1992 के बाद सबसे छोटा कार्यकाल था। गवर्नर रहते हुए उन्होंने भारत में महंगाई नियंत्रण के लिए 4% उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) लक्ष्य तय करने की सिफारिश की, जिसे सरकार ने अपनाया। यह नीति आज भी भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में मदद कर रही है। उनके कार्यकाल में ही 2016 की नोटबंदी हुई, जब 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए गए। इस दौरान पटेल ने मौद्रिक नीति को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
पढ़ाई और करियर की शुरुआत
उर्जित पटेल का जन्म केन्या में हुआ था। उन्होंने लंदन यूनिवर्सिटी से बीएससी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एम.फिल और येल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की। 1990 में उन्होंने करियर की शुरुआत IMF से वाशिंगटन डीसी में की। 1992 में वे IMF के डिप्टी रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर नई दिल्ली आए और भारत, अमेरिका, बहामास और म्यांमार में काम किया। 1998 से 2001 तक वे भारत के वित्त मंत्रालय में सलाहकार रहे। इसके अलावा उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईडीएफसी लिमिटेड, एमसीएक्स लिमिटेड और गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं।
नई जिम्मेदारी और महत्व
2013 में उन्हें आरबीआई का डिप्टी गवर्नर बनाया गया था, जहां उन्होंने मौद्रिक नीति, सांख्यिकी, शोध और कई अन्य क्षेत्रों की जिम्मेदारी संभाली। अब आईएमएफ में कार्यकारी निदेशक का पद संभालना उनके करियर की एक और बड़ी उपलब्धि है। यह पद IMF की नीतियों और रोजमर्रा के फैसलों से जुड़ा होता है। उनकी नियुक्ति के.वी. सुब्रमण्यम की जगह हुई है, जिनका कार्यकाल अप्रैल 2025 में ही समाप्त होना था। उर्जित पटेल के पास निजी और अंतरराष्ट्रीय दोनों क्षेत्रों का लंबा अनुभव है।
भारत को होगा सीधा फायदा
उर्जित पटेल की नियुक्ति से भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर बड़ी मजबूती मिलेगी। उनका अनुभव भारत की आर्थिक नीतियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और प्रभावी ढंग से रखने में सहायक होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत के बढ़ते आर्थिक प्रभाव का प्रतीक है।