भारत-पाकिस्तान के बीच न्यूक्लियर जंग रोकना मेरी बड़ी कामयाबी, पर क्रेडिट नहीं मिला,
ट्रम्प ने किया नया दावा
2 months ago
Written By: NEWS DESK
India-Pakistan Ceasefire: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को टालने में अहम भूमिका निभाई थी। पर उन्हें इसका क्रेडिट नहीं मिला। हालांकि ट्रंप इससे पहले इस बात से मुकरते हुए यह भी कह चुके हैं कि, उन्होंने इस मामले में सीधे मध्यस्थता नहीं की थी। जिसके बाद अब उनके इस बयान को लेकर एक बार फिर चर्चाये तेज हो गई हैं।
“परमाणु तक पहुँच गया था मामला”
दरअसल शुक्रवार को एक इंटरव्यू में ट्रम्प ने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव इतना गहरा गया था कि वे "न्यूक्लियर वॉर" यानी परमाणु युद्ध के मुहाने तक पहुंच गए थे। ट्रम्प ने बताया, "हालात बेहद गंभीर थे। अगला कदम क्या होता, आप जानते हैं… 'N वर्ड' – यानी न्यूक्लियर वॉर।" उन्होंने इसे अपनी विदेश नीति की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक बताया, हालांकि उन्होंने कहा कि, इस भूमिका के लिए उन्हें कोई क्रेडिट नहीं मिला।
ट्रेड के जरिए शांति की कोशिश
ट्रम्प ने इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को ट्रेड के बदले शांति का प्रस्ताव दिया था। उनका मानना है कि व्यापार को हथियार बनाकर भी शांति कायम की जा सकती है। “मैं अब बिजनेस का इस्तेमाल हिसाब चुकता करने और शांति स्थापित करने के लिए कर रहा हूं,” ट्रम्प ने कहा।
मध्यस्थता से पलटने का भी जिक्र
हालांकि, ट्रम्प ने इसके पहाले साफ किया था कि, उन्होंने सीधे मध्यस्थता नहीं की थी, लेकिन उन्होंने माना कि संकट को 'सेटल' कराने में उनकी भूमिका थी। ट्रम्प के मुताबिक, “मैं ये नहीं कहता कि ये मैंने किया, लेकिन ये पक्का है कि पिछले हफ्ते भारत-पाकिस्तान के बीच जो हुआ, मैंने उसे सेटल करने में मदद की।” उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका हस्तक्षेप नहीं करता, तो हालात और भी भयानक हो सकते थे। "दोनों देशों ने अचानक मिसाइल दागनी शुरू कर दी थीं, लेकिन हमने सब सेटल कर दिया।"