तिलक वर्मा की जिंदगी बचाने वाले जय शाह और आकाश अंबानी,
नहीं होती एशिया कप 2025 की जीत अगर तीन साल पहले नहीं मिली होती मदद
4 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Tilak Varma: भारत की एशिया कप 2025 में पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत के हीरो तिलक वर्मा ने अपनी जिंदगी का चौंकाने वाला किस्सा बताया है। गौरव कपूर के शो ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस में तिलक ने कहा कि अगर तीन साल पहले जय शाह और आकाश अंबानी ने समय पर मदद नहीं की होती, तो शायद आज वो जिंदा भी नहीं होते। उन्होंने बताया कि 2022 में बांग्लादेश दौरे के दौरान उन्हें एक खतरनाक बीमारी हो गई थी, जिसने उनकी जान तक खतरे में डाल दी थी।
जब तिलक वर्मा को लगी जानलेवा बीमारी तिलक वर्मा ने बताया कि साल 2022 में वो इंडिया ए टीम के साथ बांग्लादेश में सीरीज खेल रहे थे। वहीं उन्हें रबडोमायोलिसिस नाम की एक गंभीर बीमारी हो गई, जिसमें शरीर की मांसपेशियां टूटकर खून में घुल जाती हैं और किडनी को नुकसान पहुंचाती हैं। बल्लेबाजी के दौरान वो अपने शतक के करीब थे, तभी अचानक उनकी आंखों में खिंचाव हुआ, उंगलियां काम करना बंद कर गईं और पूरा शरीर पत्थर जैसा जकड़ गया। उन्हें रिटायर हर्ट होकर मैदान छोड़ना पड़ा।
डॉक्टर बोले – कुछ देर और होती तो जान चली जाती तिलक ने बताया कि उस वक्त हालत इतनी खराब थी कि ग्लव्स को हाथों से काटकर निकाला गया, क्योंकि उंगलियां मुड़ नहीं रही थीं। उनकी स्थिति देखकर टीम प्रबंधन ने तुरंत मेडिकल सहायता बुलाई। बाद में डॉक्टरों ने बताया कि अगर कुछ देर और इलाज में लग जाती, तो मामला जानलेवा साबित हो सकता था।
आकाश अंबानी और जय शाह ने बचाई जान तिलक वर्मा ने भावुक होकर बताया कि उनकी जिंदगी बचाने में आकाश अंबानी और जय शाह का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने कहा कि जैसे ही आकाश अंबानी को उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर मिली, उन्होंने तुरंत जय शाह से संपर्क किया। दोनों ने मिलकर उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की। तिलक ने कहा, अगर उस वक्त उनकी फुर्ती न होती, तो शायद मैं आज क्रिकेट नहीं खेल रहा होता।
भारत की जीत के पीछे छिपी इंसानी कहानी आज तिलक वर्मा भारतीय क्रिकेट के नए स्टार बन चुके हैं। एशिया कप 2025 फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी पारी ने भारत को चैंपियन बनाया, लेकिन उस जीत के पीछे उनकी जिंदगी की ये दर्दनाक कहानी छिपी है। तिलक का कहना है कि वो हमेशा जय शाह और आकाश अंबानी के प्रति आभारी रहेंगे, क्योंकि उनकी बदौलत ही आज वो मैदान पर देश का झंडा ऊंचा कर पा रहे हैं।