ट्रॉफी मिली या नहीं फर्क नहीं पड़ता...
सूर्यकुमार यादव ने सुनाई टीम इंडिया की जश्न की असली कहानी
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Asia Cup Final: एशिया कप 2025 में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने खुद को एक मजबूत और समझदार लीडर के तौर पर साबित किया। पूरे टूर्नामेंट में उनकी कप्तानी और फैसलों ने टीम को जीत दिलाई। हालांकि, फाइनल मैच के बाद भारतीय टीम को चैंपियन बनने के बावजूद ट्रॉफी न सौंपे जाने ने विवाद खड़ा कर दिया। इस मामले पर सूर्यकुमार यादव ने खुलकर अपनी बात रखी और बताया कि टीम ने इस पूरे प्रकरण को कैसे देखा और जिया।
पाकिस्तान पर स्टैंड लेना था जरूरी सूर्यकुमार यादव ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ एक स्टैंड लेना बहुत जरूरी था। जब उनसे पूछा गया कि वह हाथ मिलाने से कैसे बच पाए तो उन्होंने कहा कि यह कंट्रोल की बात नहीं थी, बल्कि देश के साथ खड़े होने की बात थी। उनके मुताबिक कुछ चीजें खेल भावना से भी ऊपर होती हैं और पाकिस्तान के खिलाफ स्टैंड लेना उसी का हिस्सा था।
पूरी टीम थी एकमत सूर्या ने बताया कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ न मिलाने को लेकर ड्रेसिंग रूम में सभी एकमत थे। खिलाड़ियों से लेकर सपोर्ट स्टाफ तक सभी ने तय किया था कि एक बार जो स्टैंड लिया है, उसे बदला नहीं जाएगा। उन्होंने साफ किया कि यह पूरी टीम का साझा फैसला था।
ट्रेंड बनाने का सवाल जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने हाथ न मिलाने का ट्रेंड शुरू कर दिया है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता आगे क्या होगा। भारत केवल ICC टूर्नामेंट्स में पाकिस्तान के साथ खेलता है और भविष्य की परिस्थितियों में जो होगा, देखा जाएगा। फिलहाल टीम इस जीत के पल का आनंद लेना चाहती है।
टीम पर नहीं था दबाव सूर्या ने कहा कि हाथ न मिलाने के फैसले के बावजूद टीम पर कोई दबाव नहीं था। खिलाड़ी सिर्फ खेल पर फोकस कर रहे थे। अगर वे विवाद का तनाव लेते तो खेल प्रभावित होता। टीम ने जीत को ही अपना लक्ष्य बनाया और उसमें सफलता हासिल की।
बिना ट्रॉफी का जश्न फाइनल के बाद टीम इंडिया को ट्रॉफी नहीं दी गई। इस पर सूर्या ने बताया कि टीम ने बिना ट्रॉफी के भी जश्न मनाया। खिलाड़ी एक घंटे तक ड्रेसिंग रूम में मस्ती करते रहे, एक-दूसरे का मजाक उड़ाते रहे और अपनी-अपनी आर्टिफिशियल ट्रॉफी बनाई। सूर्या ने कहा कि असली जश्न टीम के प्रदर्शन में था, ट्रॉफी न मिलने से उनकी मेहनत और जीत कम नहीं होती। इसके साथ ही उन्होंने शिवम दुबे की तारीफ भी की, जिन्होंने हार्दिक पंड्या की गैरमौजूदगी में शानदार जिम्मेदारी निभाई। सूर्या ने कहा कि खिलाड़ी तभी बड़े बनते हैं जब उन्हें मुश्किल हालात में मौका दिया जाता है।