मंत्री विजय शाह केस: 'माफ़ी मगरमच्छ के आंसुओं जैसी'
—सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री की याचिका ठुकराई, SIT जांच के आदेश
2 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
SC Rejects Apology Of Minister: भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी मामले में मध्यप्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह की सुप्रीम कोर्ट ने माफ़ी की याचिका ख़ारिज कर दी है। वहीं इस मामले को लेकर कोर्ट ने मंत्री को फटकार भी लगाई है। वहीं इस मामले की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के गठन का आदेश दिया है। हालांकि फिलहाल कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक भी लगा दी है। लेकिन उन्हें कोर्ट से अभी तक कोई खास राहत मिलती हुई नहीं दिख रही है।
SIT में क्या होगा खास
सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री विजय शाह के इस मामले की जांच करने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के गठन का आदेश दिया है। खाश तौर पर गठित की गई इस टीम में तीन IPS अधिकारी होंगे, जो मध्यप्रदेश कैडर से बाहर के होंगे। इनमें एक महिला अधिकारी को भी शामिल किया जाएगा। फिलहाल कोर्ट ने इस मामले को लेकर SIT को 28 मई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी: कभी-कभी माफ़ी सिर्फ बचने के लिए होती है
सुनवाई के दौरान विजय शाह की ओर से पेश वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने माफी मांग ली है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए उन्हें फटकार लगाईं है। कोर्ट ने कहा कि, “कभी-कभी माफ़ी सिर्फ बचने के लिए होती है। आपके क्लाइंट ने जिस तरह की भद्दी टिप्पणी की, वह सोच-समझकर नहीं की गई थी। अब उसके लिए माफ़ी मांग रहे हैं? ये माफ़ी मगरमच्छ के आंसुओं जैसी लगती है।”
क्या था मंत्री का विवादित बयान ?
दरअसल, बीते 11 मई को इंदौर के महू क्षेत्र के रायकुंडा गांव में हलमा कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विवादित बयान दिया था। जिसमे उन्होंने कहा था कि, "उन्होंने (आतंकियों ने) कपड़े उतार-उतारकर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने के लिए उनके घर भेजा।" शाह ने यह कहा था कि, "अब मोदी जी कपड़े तो नहीं उतार सकते, इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा गया, ताकि वह बदला ले सके।" जिसके बाद उनके इस बयान के बाद बीती 14 मई को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्वतः इसका संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद इंदौर के महू थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
SIT का गठन और अगली सुनवाई
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई की रात 10 बजे तक SIT बनाने का निर्देश प्रदेश के DGP को दिया है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि, जब तक जांच पूरी नहीं होती, शाह की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी, लेकिन उन्हें जांच में पूरा सहयोग देना होगा। अगली सुनवाई 28 मई 2025 को होगी।