9000 करोड़ के घोटाले की जांच के लिए सीबीआई ने मांगी यूपी DGP से फोर्स,
जानिए इस बड़े रियल एस्टेट स्कैम की पूरी कहानी
24 days ago
Written By: News Desk
देश की प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड से जुड़े 9,000 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच के लिए CBI ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा के डीजीपी से पुलिस बल की मांग की है। जांच के लिए एजेंसी विशेष जांच दल (SIT) बनाएगी, जिसमें दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारी और कर्मी शामिल होंगे। खास बात यह है कि अधिकांश संदिग्ध परियोजनाएं NCR क्षेत्र में स्थित हैं।
विशेष जांच दल की तैयारी में पुलिस कर्मियों की होगी अहम भूमिका
CBI ने जांच में शामिल होने के लिए यूपी के डीजीपी को पत्र भेजकर 12 डिप्टी SP, 20 इंस्पेक्टर और 20 कांस्टेबल (10 महिला और 10 पुरुष) की मांग की है। पुलिस मुख्यालय ने सभी जोन और रेंज स्तर पर इस संबंध में पत्र जारी कर इच्छुक अफसरों और कर्मियों से आवेदन मांगे हैं। इसके लिए उम्र, सेवा और अनुशासन संबंधी मानक भी तय किए गए हैं।
सुपरटेक घोटाला: धोखाधड़ी और फंड डायवर्जन का मामला
सुपरटेक घोटाला मुख्य रूप से होम बायर्स को धोखा देने, प्रोजेक्ट समय पर पूरा न करने और सबवेंशन स्कीम्स के तहत बैंकों और बिल्डर्स के बीच फंड्स के गलत इस्तेमाल से जुड़ा है। कंपनी ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम समेत NCR में कई प्रोजेक्ट लॉन्च किए, लेकिन होम बायर्स से एडवांस रकम लेने के बाद कई प्रोजेक्ट अधर में लटक गए। बैंकों से लिए गए लोन का इस्तेमाल जमीन खरीदने और अन्य गैर-प्रोजेक्ट गतिविधियों में किया गया।
करोड़ों का नुकसान और बैंकों के लोन स्कैम
सुपरटेक घोटाले में अनुमानित नुकसान 9,000 करोड़ रुपए से अधिक है। इसमें 17 प्रोजेक्ट्स और 36,000 से अधिक होम बायर्स प्रभावित हैं। सबसे बड़ी हेराफेरी सब्सिडी स्कीम के तहत हुई, जिसमें 5,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि लोन के रूप में दी गई थी। इसके अलावा, 1,500 करोड़ रुपए से अधिक के लोन डिफॉल्ट भी सामने आए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जांच की शुरुआत
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल अप्रैल में सुपरटेक प्रोजेक्ट्स और बिल्डर-बैंक नेक्सस की जांच के लिए CBI को प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने विशेष जांच दल बनाने और सबवेंशन स्कीम्स के दुरुपयोग की गहन जांच करने को कहा। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि कई बैंकों ने बिना प्रोजेक्ट पूरा हुए बिल्डर्स को 60-70% तक लोन राशि दे दी थी।