सुप्रीम कोर्ट ने पूछा - लाल किला ही क्यों, फतेहपुर सीकरी क्यों नहीं,
किले पर मालिकाना हक की याचिका खारिज
1 months ago
Written By: News Desk
Supreme Court: भारत की ऐतिहासिक धरोहारें पर आपना मालिकाना हक़ जानते का दौर एक बार फिर से शुरु हो गया है। यहां सुल्ताना बेगम नाम की एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर लाल किले पर मालिकाना हक की मांग की थी। याचिकाकर्ता महिला ने आपने आप को बहादुर शाह ज़फ़र की वंशज होने का दावा किया था। जिसके बाद याचिका पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायाधीश पीवी संजय कुमार की बेंच ने इसे खारिज कर दिया है। कोर्ट ने साफ़ कर दिया कि इतिहास के आधार पर दावे नहीं चलते जब तक कानूनी और समय पर दावे न किए जाएं। यह याचिका बिलकुल गलत सोच पर आधारित है। बेंच ने सवाल किया सिर्फ लाल किला ही क्यों फतेहपुर सीकरी क्यों नहीं
क्या कहती है याचिका ?
दरसअल, सुल्ताना बेगम ने सबसे पहले 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डाली थी। उन्होंने कहा कि वह मिर्ज़ा मोहम्मद बेदर बख्त की पत्नी हैं। वह बहादुर शाह ज़फ़र के पड़पोते थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लाल किला ज़बरदस्ती कब्ज़े में लिया है। इसके लिए उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने कहा कि यह याचिका 100 साल से ज़्यादा देर से डाली गई है। यह कोर्ट का समय बर्बाद करना है। फिर बेगम ने डिवीजन बेंच में अपील की। लेकिन वहां भी याचिका 2 साल देर से डाली गई थी। इसलिए वहां भी खारिज हो गई।
सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला
जब सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करने की बात कही तो सुल्ताना बेगम के वकील ने कहा कि केवल देरी के आधार पर खारिज किया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला मूल रूप से गलत है। इसलिए याचिका मूल आधार पर खारिज कर दी गई है। वहीं यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।