अब चाहे OTP लीक हो या मोबाइल चोरी, आपका पैसा नहीं हिलेगा,
RBI ने बना दी लोहे की सिक्योरिटी
21 days ago Written By: Ashwani Tiwari
भारत में डिजिटल पेमेंट करने वालों के लिए बड़ी खबर है। अगर आप भी UPI, नेट बैंकिंग या किसी भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने डिजिटल लेनदेन को और सुरक्षित बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब ऑनलाइन ट्रांजैक्शन सिर्फ OTP तक सीमित नहीं रहेगा। RBI एक नया सिक्योरिटी सिस्टम लेकर आ रहा है, जिसके तहत दोहरी सुरक्षा (Two-Factor Authentication) जरूरी होगी। हालांकि, इस नई व्यवस्था को लागू होने में अभी थोड़ा वक्त है ये नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा।
अब OTP के साथ एक और पासवर्ड या बायोमेट्रिक जरूरी RBI ने निर्णय लिया है कि ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए अब सिर्फ SMS आधारित OTP पर्याप्त नहीं होगा। 1 अप्रैल 2026 से जब भी आप कोई डिजिटल पेमेंट करेंगे, तो OTP के साथ एक और सुरक्षा लेयर जुड़ जाएगी। तकनीकी भाषा में इसे Two-Factor Authentication (2FA) कहा जाता है। इसका मतलब है कि किसी भी ट्रांजैक्शन को पूरा करने के लिए यूजर को दो तरह की पहचान प्रक्रिया से गुजरना होगा।
क्या है Two-Factor Authentication 2FA को आप जीमेल लॉगिन प्रक्रिया की तरह समझ सकते हैं। जब आप पासवर्ड डालते हैं, तो आपके दूसरे डिवाइस पर एक प्रॉम्प्ट आता है जो पूछता है कि क्या आप ही लॉगिन कर रहे हैं। इसके बाद या तो आप “ओके” दबाते हैं या Authenticator जैसे ऐप से कोड डालते हैं। इसी तरह अब डिजिटल लेनदेन में भी OTP के साथ एक और सिक्योरिटी स्टेप जोड़ा जाएगा। इसमें यूजर को या तो फोन का पासवर्ड, बायोमेट्रिक (अंगूठे या चेहरे का निशान) या सॉफ्टवेयर टोकन ऐप के जरिए एक नया पासकोड डालना होगा। यह पासकोड कुछ मिनटों के भीतर एक्सपायर हो जाएगा, जिससे सुरक्षा और मजबूत बनेगी।
ठगी और स्कैम पर लगेगी लगाम इस नई व्यवस्था से डिजिटल ठगी और फ्रॉड के मामलों पर लगाम लगने की उम्मीद है। कई बार सिम स्वैप या फोन चोरी होने की स्थिति में भी फ्रॉड हो जाता है, लेकिन नई प्रणाली में ऐसा नहीं होगा। क्योंकि लेनदेन पूरा करने के लिए व्यक्ति की बायोमेट्रिक या पासवर्ड की पुष्टि जरूरी होगी। यानी बिना यूजर की मौजूदगी के कोई ट्रांजैक्शन संभव नहीं रहेगा।