राजनाथ सिंह की चीन यात्रा से रिश्तों में आई गर्माहट, मधुबनी पेंटिंग बनी दोस्ती की नई पहचान,
फिर शुरू होगी कैलाश यात्रा
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Rajnath Singh: चीन के क़िंगदाओ शहर में शुक्रवार को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जुन के बीच अहम मुलाकात हुई। यह बातचीत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान हुई। इस मुलाकात के दौरान राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि भारत और चीन को अपने आपसी रिश्तों में कोई नई जटिलता नहीं जोड़नी चाहिए, बल्कि सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ते रहना चाहिए। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर रचनात्मक और भविष्य की ओर देखने वाला संवाद हुआ।
चीन में डोंग जुन ने किया राजनाथ सिंह का स्वागत
राजनाथ सिंह ने इस बैठक को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत और चीन को आपसी संबंधों में बनी हुई सकारात्मक गति को बनाए रखना चाहिए और किसी भी तरह की नई उलझन से बचना चाहिए। राजनाथ सिंह जब गुरुवार को चीन पहुंचे थे, तब उनकी अगवानी खुद एडमिरल डोंग जुन ने की थी, जिससे इस मुलाकात की अहमियत और बढ़ गई।
लद्दाख विवाद के बाद भारत-चीन संबंधों में आई नरमी
भारत और चीन के संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं, खासतौर पर लद्दाख सीमा विवाद के चलते। लेकिन 2024 में दोनों देशों की सेनाएं डेसपांग और डेमचोक इलाकों से पीछे हटीं, जिससे रिश्तों में सुधार की शुरुआत हुई। इसके बाद भारत ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला लिया, जो 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण रोक दी गई थी। यह यात्रा अब पांच साल बाद 30 जून 2025 से फिर शुरू होगी।
22 अगस्त को अंतिम जत्था लौटेगा भारत
पहला जत्था 10 जुलाई को लिपुलेख दर्रे के जरिए चीन जाएगा और अंतिम जत्था 22 अगस्त को भारत वापस आएगा। इस यात्रा के फिर से शुरू होने पर राजनाथ सिंह ने खुशी जाहिर की और इसे दोनों देशों के बीच आपसी समझ और विश्वास का संकेत बताया। इससे पहले, 23 जून को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। उस दौरान भी दोनों पक्षों ने आपसी रिश्तों को सुधारने और लोगों के बीच संवाद को बढ़ावा देने पर जोर दिया था।
भारत की सांस्कृतिक कला पहुंची चीन के रक्षा मंत्री तक
राजनाथ सिंह ने अपनी इस यात्रा के दौरान चीन के रक्षा मंत्री डोंग जुन को बिहार की मशहूर मधुबनी चित्रकला की एक पेंटिंग भेंट की, जो भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और मित्रता का प्रतीक मानी जाती है। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच बेहतर भविष्य की उम्मीद लेकर आई है।