रेड अलर्ट-ब्लैकआउट के बीच राजस्थान में हुईं ऐसी शादियां,
जो मिसाल बन गईं, लाइट से लेकर बैंड तक था बंद
1 months ago
Written By: NEWS DESK
Rajasthan Patriotic Wedding: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच जब देश के सीमावर्ती इलाकों में रेड अलर्ट और ब्लैकआउट की चेतावनी जारी हुईं, तब राजस्थान के कई परिवारों ने अपने निजी सुख-दुख को दरकिनार कर देशहित को प्राथमिकता दी। बाड़मेर, पाली और बीकानेर से ऐसी दो कहानियां सामने आईं, जिन्होंने यह साबित किया कि "पहले देश, फिर खुशियां" ही भारतवासियों की भावना है।
शादी का बदला समय, फिर भी अधूरी रह गईं खुशियां
बाड़मेर में भरत कुमार के परिवार में 8 मई को उनके भतीजे मोहन उर्फ मनीष की शादी थी। ब्लैकआउट एडवाइजरी के चलते रात का रिसेप्शन बदलकर दोपहर 1 बजे कर दिया गया। लेकिन 10 मई को अचानक प्रशासन द्वारा रेड अलर्ट जारी कर दिया गया। एक हजार मेहमानों के लिए जो खाना तैयार था, वह व्यर्थ हो गया। सजावट पूरी थी, परिवार मेहमानों का इंतजार कर रहा था, पर सिर्फ घर के सदस्य ही समारोह में शामिल हो सके। भरत कुमार ने बताया, “जुझाराम के इकलौते बेटे की शादी थी, रिसेप्शन रात का था, उसे दिन में किया... फिर भी मेहमान नहीं आ सके। हमारे लिए यह सिर्फ शादी नहीं, परिवार की बड़ी खुशी थी जो अधूरी रह गई।”
पाली: देश के लिए रात के बजाए दिन में लिए फेरे
पाली में मेडिकल व्यवसायी प्रवेश बाफना की बेटी नेहा और इंजीनियर आतिश की शादी 9 मई को होनी थी। 1500 मेहमानों को कार्ड बांटे जा चुके थे, लेकिन प्रशासन ने रात 10 बजे के बाद बिजली बंद करने का निर्देश दिया। दोनों परिवारों ने मिलकर फैसला लिया और रात 11 बजे के फेरे दोपहर 3 बजे कर दिए। जोधपुर के गढ़ गोविंद रिसॉर्ट में दिन के उजाले में फेरे हुए। प्रवेश बाफना ने कहा, “कुछ मेहमान नहीं पहुंच सके, पर देश के लिए इतना तो कर ही सकते हैं।”
बीकानेर में भी बदले विवाह समारोह के समय
तनाव का असर बीकानेर तक भी पहुंचा, जहां शादी समारोहों का समय और मेन्यू दोनों बदल गए। हलवाई मानजी ने बताया कि जयपुर-जोधपुर बाइपास से लेकर पुरानी गिन्नाणी की गलियों तक 12-13 मई को होने वाली शादियों के लिए रात्रि भोज की जगह अब दिन के लंच का इंतजाम किया जा रहा है। शादी के कार्ड पहले ही छप और बंट चुके थे, इसलिए अब दिन का नया मेन्यू तैयार करना पड़ा।